रिजर्व बैंक ने 2024-25 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.5 प्रतिशत पर कायम रखा..

मुंबई, 05 अप्रैल। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को शुक्रवार को 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि निकट भविष्य में खाद्य कीमतों में अनिश्चितता मुद्रास्फीति के रुख को प्रभावित करेगी।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए कहा कि इस वर्ष मानसून की स्थिति को सामान्य मानते हुए 2024-25 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में मुद्रास्फीति के 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
दास ने कहा कि मार्च के मध्य में पेट्रोल तथा डीजल कीमतों में कटौती के बावजूद हाल के समय में कच्चे तेल के दाम बढ़े हैं जिसकी निगरानी करने की जरूरत है।
सरकार ने पिछले महीने रसोई गैस एलपीजी की कीमतों में 100 रुपये की कटौती की घोषणा की थी। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने करीब दो साल बाद कीमतों में संशोधन करते हुए पेट्रोल और डीजल के दाम दो रुपये प्रति लीटर घटाए।
हालांकि, दास ने कहा कि ऐसा लगता है कि हाथी (महंगाई) टहलने गया है और आरबीआई चाहता है कि वह जंगल में ही रहे।
केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधरित मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के स्तर पर रखने का लक्ष्य दिया है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal