डैनफॉस इंडिया ने भारत को शुद्ध-शून्य महत्वाकांक्षाओं के करीब पहुंचने में मदद करने के लिए स्थायी साधनों का किया आह्वान..

दुबई, 28 मई । डैनफॉस इंडिया के अध्यक्ष रविचंद्रन पुरुषोत्तमन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और तेजी से हो रहे शहरीकरण के परिणामस्वरूप भोजन, पानी और ऊर्जा की मांग बढ़ने का अनुमान है।
डैनफॉस इंजीनियर ऐसे समाधान पेश करते हैं जो मशीन की उत्पादकता बढ़ाते हैं, उत्सर्जन कम करते हैं, ऊर्जा की खपत कम करते हैं और विद्युतीकरण को सक्षम बनाते हैं।
पुरुषोत्तमन ने कहा कि भारत की ‘कूलिंग’ मांग 2030 तक 10 गुना होने का अनुमान है। देश को अपनी शुद्ध-शून्य महत्वाकांक्षाओं के करीब पहुंचने में मदद करने के लिए स्थायी साधनों के जरिए इसे पूरा करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रौद्योगिकी और कौशल के अंतर को पाटने, किसानों तथा व्यवसायों की खाद्य हानि को कम करने और भारतीय ‘कोल्ड चेन’ में खाद्य सुरक्षा में सुधार करने में मदद करने की दिशा में काम कर रहे हैं।’’
बयान के अनुसार, डैनफॉस ने टिकाऊ तथा ऊर्जा-कुशल ‘कोल्ड चेन’ बुनियादी ढांचे की स्थापना की आव
कमी के कारण करीब 14 प्रतिशत भोजन नष्ट हो जाता है, जो एक अरब लोगों को खिलाने के लिए पर्याप्त है। इसमें बर्बाद होने वाले 30 प्रतिशत फल और सब्जियां शामिल हैं जो असुरक्षित गोदामों में सड़ रहे हैं।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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