Saturday , September 21 2024

बिजलियां गिराने के दिन..

बिजलियां गिराने के दिन..

-डॉ. लक्ष्मीनारायण शोभन-

अंगड़ाई ले कर उठा है अब तेरा रूप
सहमीसहमी हुई अब तुझे देख कर धूप
पड़ गए पेचोखम, अब तेरी जुल्फ में
आ गए तेरे बिजलियां गिराने के दिन,
अब खिली चांदनी का तुम्हें अर्थ है
रात जगनेजगाने का तुम्हें मर्ज है
लड़खड़ाते कदम तुम्हारे खुदबखुद
अब झूलनाझुलाना, तुम्हारा फर्ज है,
आ गए यौवन खिलनेखिलाने के दिन
आ गए तेरे बिजलियां गिराने के दिन।।

सियासी मियार की रीपोर्ट