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प्रेगनेंसी में हर औरत को रहता है इन परेशानियों का डर, एक बार हो गई तो मां और बच्‍चे को आएगा रोना..

प्रेगनेंसी में हर औरत को रहता है इन परेशानियों का डर, एक बार हो गई तो मां और बच्‍चे को आएगा रोना..

प्रेगनेंसी एक बहुत ही सुंदर एक्‍सपीरियंस होता है लेकिन इस दौरान कई तरह की समस्‍याओं का भी सामना करना पड़ता है। कुछ महिलाओं के लिए गर्भावस्‍था का समय बहुत मुश्किल हो जाता है। उनमें कुछ स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का खतरा रहता है जिससे बचाव करना बहुत जरूरी है। ओनली माई हेल्‍थ में प्रकाशित एक आर्टिकल में खारघर के मदरहुड हॉस्‍पीटल की डॉक्‍टर प्रतिमा थमके ने उन समस्‍याओं के बारे में बताया जो प्रेगनेंसी में महिलाओं को हो सकती है। तो चलिए जानते हैं कि प्रेगनेंसी में किस तरह की कॉम्‍प्लिकेशंस आती हैं।

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गर्भावस्था के दौरान एनीमिया
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया एक सामान्य समस्या है जिसे कई महिलाएं अनुभव करती हैं। इसी वजह से डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट्स के साथ मल्टीविटामिन लेने की सलाह देते हैं। गर्भावस्था से संबंधित एनीमिया वाली महिलाएं थकावट और कमजोरी महसूस कर सकती हैं। इसलिए, उन्हें आयरन और फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स का सेवन करना होगा। गर्भावस्था के दौरान आयरन के लेवल को जरूर मॉनिटर करना चाहिए।

डिप्रेशन और एंग्जायटी
कुछ गर्भवती महिलाओं को उदासी या निराशा महसूस हो सकती है, रोजमर्रा के कामों में रुचि की कमी, भूख में बदलाव, खुद को बेकार महसूस होना या काम पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है। यदि किसी को पहले डिप्रेशन रहा हो तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें।

यूटीआई
यह मूत्र मार्ग में एक बैक्टीरियल संक्रमण होता है। गर्भावस्था के दौरान यह एक सामान्य समस्या है और इसके लक्षणों में दर्द और जलन, बार-बार मूत्रत्याग, थकावट, पेट के निचले हिस्‍से में दर्द हो सकता है। डॉक्टर से परामर्श किए बिना कोई भी दवा न लें। पर्याप्त पानी पीने और संतुलित आहार का सेवन करने की कोशिश करें। शराब और कैफीन जैसे उत्तेजक पदार्थों से बचें।

गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज
कई महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज विकसित होती है जिसे जेस्‍टेशनल डायबिटीज कहा जाता है। यह गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज है। कुछ मामलों में डायबिटीज बाद में भी जारी रह सकती है और कुछ महिलाएं बाद में टाइप-2 डायबिटीज का शिकार हो सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी
यह सचमुच गर्भावस्था की सबसे सामान्य समस्याओं में से एक है जिसे अधिकांश महिलाएं अनुभव करती हैं। यह समस्या अक्सर गर्भावस्था के पहले 3 महीनों में देखी जाती है, जब महिलाएं सुबह उठने के बाद चक्कर और मतली महसूस करती हैं। गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी का कारण एचसीजी का बढ़ता होता है, जो प्लेसेंटा द्वारा जारी किया जाता है। यह एक अस्थायी समस्या है जो समय के साथ कम हो जाती है।

गर्भावस्था के दौरान बवासीर या हेमोरॉयड्स अत्यंत दर्दनाक हो सकता हैंं। इसमें सूजी हुई नसों के कारण निजी अंगों के आसपास सूजन हो जाती है और खून बह सकता है। बवासीर के लक्षणों में खुजली, दर्द, पीड़ा, या गुदा के आसपास सूजन शामिल हो सकते हैं।

सियासी मियार की रीपोर्ट