पितरों से पाना चाहते हैं आशीर्वाद तो जरूर अपनाएं ये वास्तु उपाय…

पितृ पक्ष हिंदू कैलेंडर के छठे महीने भाद्रपद महीने में आता है और इसे बहुत महत्वपूर्ण समय माना जाता है। पितृपक्ष की अवधि 16 दिनों की होती है। इस दौरान तिथि के आधार पर लोग अपने पूर्वजों की मानसिक शांति के लिए उनका श्राद्ध और तर्पण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि तर्पण करने से पितरों को भोजन और जल प्राप्त होता है, जिससे उन्हें खुशी मिलती है और उनके परिवार पर आशीर्वाद बना रहता है। वास्तु शास्त्र में पितृपक्ष के बारे में काफी उल्लेख मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप अपने पितरों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आपको पितृ पक्ष के दौरान कुछ वास्तु उपाय अपनाने होंगे। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
इस दिशा में करें तर्पण
पितृ पक्ष के दौरान अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध या तर्पण करते समय दिशा का ध्यान रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिणी दिशा यमराज की है, जो दिवंगत लोगों की आत्माओं के संरक्षक भी हैं। इसलिए इस दिशा में तर्पण और श्राद्ध करना चाहिए लेकिन ध्यान रखें कि इस दौरान दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके न सोएं।
गाय, कौए और कुत्ते को भोजन दें
पितृ पक्ष के दौरान कुछ लोग कौवों को खाना खिलाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कौओं को पितरों का दूत माना जाता है और अगर आप उन्हें भोजन कराएंगे तो पितर संतुष्ट और खुश रहेंगे। इसके अलावा इन दिनों आप गाय और कुत्तों को भी खाना खिला सकते हैं। यह अपने साथ पितरों का आशीर्वाद भी लेकर आता है।
पौधे लगाने की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान पवित्र पौधे लगाने चाहिए। इसमें पीपल या तुलसी भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि पीपल को केवल दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही लगाना चाहिए। यदि आप इन पौधों को एक ही समय में मंदिरों और आसपास रोपते हैं, तो आपके पूर्वज तुरंत प्रसन्न होंगे और आपके परिवार पर हमेशा आशीर्वाद बनाए रखेंगे। यदि आप तुलसी का पौधा लगाना चाहते हैं तो इसे ईशान कोण या उत्तर-पूर्व में लगाएं।
सियासी मियार की रीपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal