घरेलू स्तर पर स्वर्ण भंडार में 102 टन से अधिक की बढ़ोतरी : आरबीआई डेटा.
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर । भू-राजनीतिक तनावों के बीच सोने की कीमतों में उछाल जारी है, इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास 30 सितंबर तक 854.73 मीट्रिक टन सोना था, जिसमें से 510.46 मीट्रिक टन सोना घरेलू स्तर पर था। इस तरह स्वर्ण भंडार में 102 टन की बढ़ोतरी हुई है।
इस वर्ष अप्रैल से सितम्बर के बीच घरेलू स्तर पर रखे गए सोने में 102 टन से अधिक की वृद्धि हुई जबकि मार्च के अंत में यह 408 मीट्रिक टन था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ‘विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन पर अर्धवार्षिक रिपोर्ट: अप्रैल-सितंबर 2024’ के अनुसार, बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के पास 324.01 मीट्रिक टन सोना सुरक्षित रखा गया है, जबकि 20.26 मीट्रिक टन सोना जमा के रूप में रखा गया है।
मूल्य के संदर्भ में (यूएसडी) कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी मार्च 2024 के अंत तक 8.15 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर अंत तक लगभग 9.32 प्रतिशत हो गई।
छमाही के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार मार्च के अंत में 646.42 बिलियन डॉलर से बढ़कर सितम्बर में 705.78 बिलियन डॉलर हो गया।
भुगतान संतुलन के आधार पर (मूल्यांकन प्रभावों को छोड़कर), अप्रैल-जून 2024 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 5.2 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि अप्रैल-जून 2023 के दौरान इसमें 24.4 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई थी।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार (मूल्यांकन प्रभाव सहित) अप्रैल-जून 2024 के दौरान 5.6 बिलियन डॉलर बढ़ गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 16.6 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई थी।
सितम्बर के अंत तक रिजर्व बैंक की शुद्ध अग्रिम परिसंपत्ति (देय) 14.58 बिलियन डॉलर थी। जून 2023 के अंत और जून 2024 के अंत के बीच की अवधि के दौरान, बाह्य परिसंपत्तियों में 108.4 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई और बाह्य देनदारियों में 97.7 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई।
केंद्रीय बैंक ने कहा, “जून 2024 के अंत तक शुद्ध अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति (आईआईपी) 368.3 बिलियन डॉलर पर नकारात्मक थी, जबकि जून 2023 के अंत में 379.0 बिलियन डॉलर का नकारात्मक शुद्ध आईआईपी था, जिसका अर्थ है कि सभी बाहरी देनदारियों का योग दोनों अवधियों में बाहरी परिसंपत्तियों की तुलना में अधिक है। सालाना आधार पर नकारात्मक अंतर में कमी आई है।
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में बहु-मुद्रा परिसंपत्तियां शामिल होती हैं, जिन्हें मौजूदा मानदंडों के अनुसार बहु-परिसंपत्ति पोर्टफोलियो में रखा जाता है, जो इस संबंध में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप हैं।
सितंबर 2024 के अंत तक, कुल 617.07 बिलियन डॉलर के एफसीए में से 515.30 बिलियन डॉलर प्रतिभूतियों में निवेश किए गए, 60.11 बिलियन डॉलर अन्य केंद्रीय बैंकों और बीआईएस के पास जमा किए गए और शेष 41.66 बिलियन डॉलर विदेशों में वाणिज्यिक बैंकों के पास जमा थे।
सियासी मियार की रीपोर्ट