भारत और यूरोपीय संघ 2025 के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने पर हुए सहमत…

नई दिल्ली, 03 मई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूरोपीय व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त मारोस सेफकोविक ने 2025 के अंत तक भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को पूरा करने के लिए अपनी साझा सहमति व्यक्त की है।
ब्रसेल्स में बैठक के बाद शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने आपसी सम्मान की भावना से लंबित मुद्दों को सुलझाने के अपने उद्देश्य को दोहराया। इसमें 12-16 मई को नई दिल्ली में होने वाली अगली बैठक भी शामिल है।
बयान में कहा गया है कि यह प्रतिबद्धता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन द्वारा इस साल फरवरी में यूरोपीय संघ के आयुक्तों के दिल्ली दौरे के दौरान दी गई रणनीतिक दिशा पर आधारित है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट में लिखा, “आज यूरोपीय संघ के व्यापार और आर्थिक सुरक्षा आयुक्त मारोस सेफकोविक के साथ मेरी बातचीत प्रोडक्टिव रही। हमने 2025 के अंत तक भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता को समाप्त करने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।”
केंद्रीय मंत्री ने बताया, “जैसे-जैसे हम अपनी वार्ता में आगे बढ़ रहे हैं, हमारा ध्यान व्यवसायों के लिए बाजार तक पहुंच बढ़ाने, विश्वसनीय और विविध आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा देने और हमारी अर्थव्यवस्थाओं के विकास को आगे बढ़ाने के लिए हमारी साझेदारी को गहरा करने पर है।” उन्होंने कहा, “हमने इनोवेशन और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और भविष्य के लिए तैयार समझौते को आकार देने में निवेश और गतिशीलता की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी चर्चा की।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी और यूरोपीय संघ के अध्यक्ष के नेतृत्व में भारत और यूरोपीय संघ दोनों ही अपने क्षेत्रों की साझा समृद्धि और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी और रणनीतिक समझौते की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बैठक में विभिन्न वार्ताओं पर हुई प्रगति पर प्रकाश डाला गया।
भारत ने कहा कि व्यापार वार्ता में सार्थक प्रगति के लिए टैरिफ चर्चाओं के साथ-साथ गैर-टैरिफ बाधाओं (एनटीबी) पर समान ध्यान देने की आवश्यकता है। भारत-यूरोपीय संघ एफटीए डिजिटल ट्रांजिशन का समर्थन कर विविध और मजबूत सप्लाई चेन को बढ़ावा देकर ग्लोबल कॉमर्स की उभरती वास्तविकताओं को दर्शाने की आकांक्षा रखता है।
दोनों पक्षों ने आशा व्यक्त की कि एक बार संपन्न होने के बाद यह समझौता व्यापक भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी के एक ट्रांसफोर्मेटिव पिलर के रूप में काम करेगा, बाजार पहुंच को बढ़ाएगा, विनियामक सहयोग का समर्थन करेगा तथा दोनों पक्षों में इनोवेशन और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।
सियासी मियार की रीपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal