छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया…
रायपुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शुक्रवार को सुरक्षाबलों के समक्ष कुल 87 लाख 50 हजार रुपये के इनामी 24 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इनमें से 20 नक्सलियों पर 50,000 से लेकर 10 लाख रुपए तक के इनाम घोषित थे।
सरकार की प्रभावी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025 और ‘नियद नेल्ला नार योजना’ के सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक्स पर ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मार्च 2026 तक देश-प्रदेश से लाल आतंक का समूल नाश निश्चित है। यह आत्मसमर्पण उसी निर्णायक यात्रा की एक कड़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नक्सली भी समझ चुके हैं कि हिंसा का रास्ता अंतहीन विनाश की ओर ले जाता है। अब नक्सली उग्रवाद की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। हम इन आत्मसमर्पित साथियों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।
बेलगावी में गर्भवती महिला पाई गई कोविड संक्रमित, अस्पताल ने खोला विशेष वार्ड
बेलगावी, 24 मई (वेब वार्ता)। कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच कर्नाटक के बेलगावी में स्वास्थ्य प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी गई है। बेलगावी के एक निजी अस्पताल में हाल ही में एक गर्भवती महिला के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद बेलगावी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (बीआईएमएस) अस्पताल ने शनिवार को एक विशेष 10-बेड वाला कोविड-19 वार्ड शुरू किया है।
इस वार्ड को एक प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है, ताकि अनावश्यक आवाजाही को रोका जा सके और संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।
बीआईएमएस अस्पताल में अब तक कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया है। फिर भी महाराष्ट्र में बढ़ते मामलों को देखते हुए और स्थानीय स्तर पर सतर्कता बरतने के लिए, अस्पताल प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
अस्पताल की पहली मंजिल पर इस विशेष वार्ड को स्थापित किया गया है, जिसे पूरी तरह से सील कर दिया गया है। वार्ड में ऑक्सीजन की आपूर्ति सहित सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। बीआईएमएस के सर्जन डॉ. विट्ठल शिंदे ने बताया, “हमने शुरुआती चरण में 10 बेड के साथ यह वार्ड शुरू किया है। फिलहाल हमारे अस्पताल में कोविड-19 का कोई मामला नहीं है, लेकिन हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं।”
अस्पताल प्रशासन ने सोमवार से आरटी-पीसीआर टेस्ट की सुविधा शुरू करने की भी घोषणा की है। इससे संदिग्ध मामलों की जांच तेजी से की जा सकेगी।
डॉ. शिंदे ने कहा, “हम सरकार द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।”
बेलगावी में स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और नियमित रूप से हाथ धोने जैसे निवारक उपायों का पालन करने की अपील की है।
इस बीच बीआईएमएस अस्पताल ने अपने स्टाफ को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत प्रशिक्षित किया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर स्थित बेलगावी में कोविड-19 के मामलों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने अन्य अस्पतालों को भी सतर्क रहने और आवश्यक तैयारियां करने का निर्देश दिया है। यह कदम न केवल बेलगावी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी कोविड-19 के संभावित प्रसार को रोकने में मददगार साबित हो सकता है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने की अपील की है।
सियासी मियार की रीपोर्ट