अदिवि शेष ने जानवरों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ उठाई आवाज़, अधिकारियों को लिखा भावुक पत्र…

मुंबई, 25 जून । अपने दमदार अभिनय और संवेदनशील सोच के लिए पहचाने जाने वाले अभिनेता अदिवि शेष ने जानवरों के साथ हो रहे बुरे बर्ताव के खिलाफ एक सशक्त कदम उठाया है।
अदिवि शेष ने जानवरों पर किए जाने वाले परीक्षण और प्रजनन केंद्रों में हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए कमेटी फॉर कंट्रोल एंड सुपरविजन ऑफ एक्सपेरिमेंट्स ऑन एनिमल्स (सीसीएसईए) को एक भावुक चिट्ठी लिखी है।
यह कदम पेटा इंडिया द्वारा हाल ही में किए गए एक खुलासे के बाद उठाया गया है, जिसमें एक गुप्त सूत्र के ज़रिए जानवरों के साथ किए जा रहे भयानक अत्याचार सामने आए , खून से सने और डरे हुए बीगल कुत्ते, प्रयोगों के दौरान मरे हुए बंदर, और ज़हर दिए गए मिनीपिग्स। इस रिपोर्ट ने देशभर में गुस्से की लहर दौड़ा दी है।
कमेटी फॉर कंट्रोल एंड सुपरविजन ऑफ एक्सपेरिमेंट्स ऑन एनिमल्स को लिखे अपने पत्र में अदिवि शेष ने कहा, मैं समिति से विनती करता हूं कि पालामुर बायोसाइंस को जानवरों का उपयोग या प्रजनन करने से रोका जाए और जो जानवर जीवित हैं उन्हें सुरक्षित, प्यार भरे घरों या अच्छे आश्रयों में भेजा जाए। आज दुनिया पशु-प्रयोग से दूर जा रही है और नई, मानवीय तकनीकों की ओर बढ़ रही है ।भारत को भी यही रास्ता अपनाना चाहिए।
अदिवि शेष ने कहा, यह जानकर मेरा दिल टूटता है कि मासूम और भरोसेमंद जानवर जैसे बीगल और पिगलेट्स को विज्ञान के नाम पर दर्द दिया जा रहा है। किसी भी जीव को किसी लैब में तड़पना या मरना नहीं चाहिए। भारत को करुणा और संवेदना के साथ नेतृत्व करना चाहिए और ऐसे अमानवीय प्रयोगों पर रोक लगानी चाहिए। इन जानवरों को प्रयोगशालाएं नहीं, प्यार चाहिए।
यह अपील पेटा इंडिया द्वारा चलाए जा रहे एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जिसमें पालामुर बायोसाइंस जैसे केंद्रों को बंद करने, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, बचे हुए जानवरों को पुनर्वास देने और नई, क्रूरता-मुक्त शोध पद्धतियों को अपनाने की मांग की जा रही है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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