केन्या में विरोध प्रदर्शनों में 10 लोगों की मौत, 28 घायल…

नैरोबी, 08 जुलाई । केन्या में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच सोमवार को नवीनतम सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान झड़प हुई, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई, यह जानकारी राज्य की तरफ से वित्तपोषित मानवाधिकार आयोग ने दी। अधिकारियों ने राजधानी नैरोबी की ओर जाने वाली प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और अशांति को नियंत्रित करने के लिए अब तक के सबसे सख्त उपायों के बीच अधिकांश व्यवसाय बंद कर दिए।
सोमवार को नैरोबी शहर के ज्यादातर रास्तों को पुलिस ने बंद कर दिया। बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए, राजधानी में जाने वाली मुख्य सड़कों पर भी रोक लगा दी गई। आम लोग और व्यापारी भी डर के माहौल में रहे। ज्यादातर दुकानों और दफ्तरों में ताले लगे नजर आए। सड़कों पर जो लोग दिखे, उन्हें भी पुलिस ने रोक-टोक कर जांच की।
सड़कों पर आगजनी, पुलिस पर पथराव
प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाए। जगह-जगह आगजनी की गई। नाराज लोगों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले चलाए और लाठीचार्ज किया।
क्यों सड़कों पर उतरे लोग?
7 जुलाई को केन्या में ‘सबा-सबा’ दिवस मनाया जाता है। 35 साल पहले इसी दिन देश में बहुदलीय लोकतंत्र की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन हुआ था। अब उसी दिन लोग फिर सड़कों पर उतरे। इस बार उनका गुस्सा पुलिस की ज्यादती, भ्रष्टाचार और महंगाई को लेकर है। लोग राष्ट्रपति विलियम रुटो से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की सख्ती, मंत्री बोले- काम पर लौटो
सरकार ने साफ कर दिया है कि हिंसक प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। देश के आंतरिक मंत्री ने चेतावनी दी कि पुलिस पूरी सख्ती से निपटेगी। वहीं, पब्लिक सर्विस मिनिस्टर ने सरकारी कर्मचारियों से कहा कि वे डरे नहीं और रोजाना की तरह काम पर जाएं।
शहर के बाहर भी प्रदर्शन, पुलिस ने भांजी लाठियां
राजधानी नैरोबी के बाहर किटेंगेला शहर में भी लोग सड़कों पर उतरे। वहां भी टायर जलाए गए और रास्ते बंद कर दिए गए। पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलाईं। एक स्थानीय युवक ने कहा कि हम रोजी-रोटी कमाने शहर जा रहे हैं, लेकिन सरकार हमें रोक रही है।
पुलिस की कार्रवाई से और भड़की जनता
पिछले महीने भी पुलिस की कार्रवाई को लेकर गुस्सा देखा गया था। 17 जून को एक ब्लॉगर की हिरासत में मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए। 25 जून को विरोध-प्रदर्शन में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए। लोगों का कहना है कि सरकार जनता की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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