बिहार में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, भारी बारिश से उफान पर नदी-नाले; अगले 48 घंटे बेहद खतरनाक!…

पटना, 05 अगस्त। बिहार में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। बिहार में मौसम कहर बरपा रहा है। पिछले कुछ दिनों से हुई यहां झमाझम बारिश देखने को मिल रही है। जिससे अब नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। बारिश के कारण गंगा, कोसी, बूढ़ी गंडक जैसी प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। साथ ही कई जगहों पर बारिश से सड़कें भी जलमग्न हैं। सीएम नीतीश कुमार ने हालात की समीक्षा करते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट रहने और राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग द्वारा रविवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, दो अगस्त से अब तक पटना, बांका, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, गयाजी, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, मुंगेर, नालंदा और वैशाली समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। रविवार को पटना में लगातार बारिश के बाद कई प्रमुख सड़कें और कई निचले इलाके जलमग्न हो गए। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए पटना, गयाजी, जमुई, औरंगाबाद, खगड़िया, बांका, वैशाली, समस्तीपुर, शेखपुरा, लखीसराय, पूर्वी चंपारण, अरवल, पश्चिमी चंपारण और नवादा समेत कई जिलों के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है।
कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर नदियां
राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के अधिकारियों ने बताया कि कई जिलों में लगातार बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं। उन्होंने बताया कि जल प्रवाह बढ़ने से कई बांधों में जलस्तर भी बढ़ गया है। अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश होने के कारण भी कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, भागलपुर और पटना जिलों के कुछ इलाकों में खास तौर से निचले इलाकों के ग्रामीणों को जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
भारी बारिश के चलते उफान पर ये नदियां
जल संसाधन विभाग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के कुछ क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश के कारण गंगा, कोसी, सोन, बागमती, गंडक, कमला और अदरवा सहित प्रमुख नदियों के जलस्तर में पिछले कुछ दिनों से वृद्धि जारी है। रिपोर्ट में कहा गया कि गंगा भागलपुर में और पटना के गांधी घाट और हाथीदह में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि बूढ़ी गंडक पूर्वी चंपारण में और कोसी सुपौल एवं खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर है। जल संसाधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “लगभग सभी नदियों में उनके पूरे प्रवाह में जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे उनके किनारों के निचले इलाके डूब गए हैं। हालांकि, सभी तटबंध सुरक्षित हैं।”
सीएम ने बारिश की स्थिति का जायजा लिया
मुख्यमंत्री ने रविवार को आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का निरीक्षण किया। डीएमडी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, “निरीक्षण के दौरान, मुख्यमंत्री ने राज्य में बारिश की स्थिति, नदियों के जल स्तर और फसल कवरेज की स्थिति की समीक्षा की। बिहार के विकास आयुक्त और डीएमडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को राज्य में बारिश की स्थिति के बारे में जानकारी दी।” बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया।
बिहार में अब तक कितनी बारिश हुई
बयान के अनुसार, “इस वर्ष एक जून से तीन अगस्त तक राज्य में 409 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 22 प्रतिशत कम है। एसीएस ने यह भी बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटों में अच्छी बारिश हुई है और राज्य भर के 222 प्रखंडों में 25 मिमी या उससे अधिक बारिश हुई है।” राज्य में नदियों के वर्तमान जलस्तर के बारे में एसीएस ने कहा कि गंगा, कोसी, बूढ़ी गंडक और कुछ अन्य नदियों में जलस्तर बढ़ा है, लेकिन स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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