ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने गाजा पर इजरायली नियंत्रण का किया विरोध, अमेरिकी राजदूत बोले ‘ये गलत’…

लंदन, 10 अगस्त । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने गाजा पर इजरायल के नियंत्रण की योजना का विरोध किया है। कीर स्टारमर के स्टैंड का अमेरिका ने विरोध किया है। इजरायल पहुंचे अमेरिकी राजदूत ने स्टारमर पर तीखा हमला बोला। कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में अगर वो ब्रिटेन की अगुआई कर रहे होते तो नाजियों से हार गए होते।
अमेरिकी दूत माइक हकबी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “क्या इजरायल से यह उम्मीद की जाती है कि वह हमास के सामने आत्मसमर्पण करे और उन्हें खाना खिलाए, जबकि इजरायली बंधकों को भूखा रखा जा रहा है? क्या ब्रिटेन ने नाजियों के आगे घुटने टेक दिए और उन्हें खाना पहुंचाया? अगर आप तब (द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान) प्रधानमंत्री होते तो ब्रिटेन जर्मन भाषा बोल रहा होता।”
दरअसल, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट की ओर से गाजा पर नियंत्रण को लेकर स्वीकृत की गई योजना की कई देशों ने निंदा की है। इजरायल के इस कदम की जानकारी मिलने के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसे आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
स्टारमर ने कहा था, “इस कार्रवाई से इस संघर्ष को समाप्त करने या बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने में कोई मदद नहीं मिलेगी। इससे केवल रक्तपात बढ़ेगा।”
स्टारमर ने पिछले महीने फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा की थी। कुछ ही दिन पहले फ्रांस ने कहा था कि वह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा, इसलिए इजरायल की कूटनीतिक चुनौती बढ़ रही है।
स्टारमर ने इजरायल से गाजा में युद्धविराम करने और द्वि-राज्य समाधान निकालने की बात कही थी। उन्होंने कहा, “फिलिस्तीनी लोगों ने भयानक कष्ट सहे हैं। गाजा में सहायता उपलब्ध न होने के कारण हम भूख से मरते हुए ,खड़े होने में असमर्थ बच्चों की तस्वीरें देख रहे हैं। यह कष्ट अब समाप्त होना चाहिए।”
स्टारमर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ संबंध बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है और उन्हें अगले महीने राजा चार्ल्स तृतीय द्वारा आयोजित राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया है।
गुरुवार को इजरायल में ब्रिटिश राजदूत साइमन वाल्टर्स ने कहा कि इजरायल का पूरे गाजा पर कब्जा करना एक बहुत बड़ी भूल होगी। उन्होंने अमेरिका और इजरायल के उन आरोपों का खंडन किया कि ब्रिटेन द्वारा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने की योजना से हमास को लाभ होगा।
वाल्टर्स ने कहा, “आईडीएफ ने गाजा में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अब और लड़ाई लड़कर उसे कुछ हासिल होने वाला नहीं है। युद्ध को और आगे बढ़ाने से सिर्फ और मौतें होंगी, सैनिकों की मौतें, फिलिस्तीनियों की मौतें, और शायद बंधकों की भी मौतें।”
अगर इजरायल हमास को हराना चाहता है, तो वह सिर्फ सैन्य ताकत से ऐसा नहीं कर सकता। इसके लिए राजनीति और कूटनीति की जरूरत है, और गाजावासियों को हमास का विकल्प देना होगा।
सियासी मियार की रीपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal