ट्रंप प्रशासन की खुफिया विभाग के अफसरों पर बड़ी कार्रवाई, 37 अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द…

वॉशिंगटन, 22 अगस्त। ट्रंप प्रशासन ने खुफिया विभाग के अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की हैं। प्रशासन ने खुफिया विभाग के 37 मौजूदा और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द की है। मंगलवार को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की ओर से जारी पत्र में इन अफसरों तमाम आरोप लगाए गए हैं।
पत्र में अधिकारियों पर व्यक्तिगत या पक्षपातपूर्ण लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए खुफिया जानकारी का गलत इस्तेमाल करने, जानकारी की सुरक्षा करने में विफल रहने, पेशेवर विश्लेषणात्मक व्यापार मानकों का पालन न करने और अन्य असंगत हानिकारक आचरण करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया गया है।
तुलसी गबार्ड ने कहा कि सुरक्षा मंजूरी मिलना एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं। खुफिया विभाग के वे लोग जिन्होंने संविधान के प्रति अपनी शपथ तोड़ी और अपने हितों को अमेरिकी लोगों से आगे रखा, उन्होंने उस पवित्र विश्वास को तोड़ा है जिसे बनाए रखने का उन्होंने वादा किया था।
जिन अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द की गई है, उनमें से कई ने वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा पदों और निचले स्तर पर काम करने के बाद कई साल पहले सरकार छोड़ दी थी। जबकि कुछ ने ऐसे मामलों पर काम किया जो ट्रंप को लंबे समय से नाराज कर रहे थे। इसमें 2016 में अमेरिकी चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की बात छिपाने वाले अफसर भी शामिल हैं।
इस कार्रवाई में जिन लोगों को निशाना बनाया गया, उनमें से कुछ बाइडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम का हिस्सा थे। सूची में शामिल दो पूर्व सरकारी अधिकारियों ने बताया कि कई लोगों को मंगलवार को समाचार रिपोर्टों से ही गबार्ड की कार्रवाई के बारे में पता चला। दोनों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं। यह कार्रवाई ट्रंप प्रशासन उस अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत वह कथित विरोधियों के खिलाफ सरकार का नियंत्रण अपने हाथ में लेना चाहता है। यह राष्ट्रपति के उन खुफिया अधिकारियों के प्रति अविश्वास को दिखाता है।
ट्रंप प्रशासन के फैसले को लेकर आलोचकों का कहना है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा समुदाय की असहमतिपूर्ण आवाजों के ठंडा पड़ने का खतरा है। सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा वकील मार्क जैद ने कहा कि ये गैरकानूनी और असांविधानिक निर्णय हैं जो दशकों पुराने सुस्थापित कानूनों और नीतियों से अलग हैं। इनका उद्देश्य इसी प्रकार की कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करना था। उन्होंने प्रशासन के दावे को गलत बताया कि इन अफसरों ने खुफिया जानकारी का राजनीतिकरण किया या उसे हथियार बनाया।
सुरक्षा मंजूरी न केवल मौजूदा सरकारी कर्मचारियों के लिए बल्कि उन पूर्व कर्मचारियों के लिए भी महत्वपूर्ण है जिनका निजी क्षेत्र की नौकरियों में संवेदनशील जानकारी तक पहुंच बनाए रखना जरूरी है। ऐसे कर्मचारियों से मंजूरी छीन लेने से उनके लिए अपना काम करना मुश्किल हो सकता है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal