Sunday , November 23 2025

यह मंदिर है

यह मंदिर है

-फूलचंद गुप्ता-

यह मंदिर है
यहां ईश्वर हो न हो, सुकून है
यहां शिलाओं पर लिखा है
हमारी पहुंच आसमानों तक है
सारी सीढ़ियां यहीं से मिलती हैं!
लोग यहां जुटते हैं!
आश्वासनों से
लोगों की जान चलती है
नास्ते-पानी और मयविश्राम
सरोसामान की भी व्यवस्था है
इनकी दूकान चलती है!

सियासी मियार की रीपोर्ट