डिजिटल सुरक्षा के लिए बने वैश्विक निकाय: विट्टल
देश की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता एयरटेल के प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल ने बुधवार को दूरसंचार क्षेत्र में ग्राहकों के भरोसे को सबसे अहम मुद्दा बताते हुए डिजिटल सुरक्षा के लिए वैश्विक निकाय बनाने की वकालत की। श्री विट्टल ने यहां द्वारका के यशोभूमि में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 के पहले दिन एक परिचर्चा में कहा कि आज की दुनिया में कनेक्टिविटी आधारभूत अधिकार बन गयी है। बिना कनेक्टिविटी के सब कुछ ठप हो जायेगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा ग्राहकों का भरोसा है और उसके बात सुरक्षा का मुद्दा आता है।
उन्होंने कहा कि एयरटेल ने अपने नेटवर्क पर स्पैम डिटेक्टर लॉन्च किया है जिसकी मदद से दो साल में 48 अरब स्पैम कॉल के बारे में ग्राहकों को चेतावनी दी गयी है। उन्होंने कहा कि एयरटेल ने अपने हिस्से का काम किया है, लेकिन कोई भी अकेला पूरी तरह सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता, सबको अपने हिस्से का काम करना होगा। श्री विट्टल ने कहा कि अब यह देखने की जरूरत है कि इंटरपोल की तर्ज पर धोखाधड़ी से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक ब्यूरो बनाने के लिए हम क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एयरटेल ग्राहकों का डाटा बाजार में नहीं बेचता है, लेकिन उसका इस्तेमाल ग्राहकों को अपनी दूसरी सेवाओं से जोड़ने के लिए करता है ताकि उसका राजस्व बढ़ सके।
एयरटेल के प्रबंध निदेशक ने कहा कि देश में दूरसंचार सेवाएं बहुत सस्ती हैं और प्रीमियम सेवाओं के बदले मूल्य में वृद्धि की गुंजाइश है। उन्होंने यह भी कहा कि दूरसंचार क्षेत्र पर सरकार का हस्तक्षेप काफी अधिक है, लेकिन अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्मों के लिए नियमन काफी कम हैं। केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पी. चंद्र शेखर ने कहा कि दूरसंचार के लिए देश में मजूबत कानून हैं, लेकिन एआई के मामले में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के साथ सुरक्षा भी सुनिश्चित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में एल्गोरिदम इतनी तेजी से बदल रहा है कि सरकार के लिए भी इसे समझना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि एआई में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाये।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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