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पेरू में भड़का जेन-जी आंदोलन, राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग पर हिंसक प्रदर्शन — एक की मौत, कई घायल

पेरू में भड़का जेन-जी आंदोलन, राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग पर हिंसक प्रदर्शन — एक की मौत, कई घायल

नेपाल और मेडागास्कर के बाद अब दक्षिण अमेरिकी देश पेरू भी जेन-जी आंदोलन की आग में झुलस रहा है। राजधानी लीमा सहित कई शहरों में हजारों युवा राष्ट्रपति जोस जेरी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग करते हुए पूरी रात नारेबाज़ी की और सरकारी नीतियों को भ्रष्टाचार से ग्रस्त बताया। स्थिति तब बिगड़ी जब प्रदर्शन हिंसक हो गया — जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हुए।

राष्ट्रपति पर बलात्कार के आरोप, युवाओं में आक्रोश
पेरू के राष्ट्रपति जोस जेरी पिछले कुछ महीनों से बलात्कार के आरोपों को लेकर विवादों में हैं। हाल ही में एक महिला ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे, हालांकि जेरी ने इन आरोपों को खारिज किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ऐसे व्यक्ति को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। कई युवतियों ने प्रदर्शन के दौरान हाथों में तख्तियाँ लेकर नारे लगाए — “रेपिस्ट प्रेसिडेंट स्टेप डाउन!”

भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ फूटा गुस्सा
प्रदर्शन का मुख्य कारण देश में बढ़ता भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अपराध बताया जा रहा है। बुधवार रात शुरू हुआ यह आंदोलन देखते ही देखते पूरे देश में फैल गया। परिवहन कर्मचारियों, नागरिक समूहों और छात्र संगठनों ने भी इसमें हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर जनता से किए वादे तोड़ने और जनविरोधी नीतियाँ अपनाने का आरोप लगाया।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प, आंसू गैस और पत्थरबाज़ी
सूत्रों के अनुसार, लीमा और कुस्को में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। जवाब में भीड़ ने पटाखे और पत्थर फेंककर विरोध जताया। हालात इतने बिगड़े कि कई इलाकों में कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई। इस झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दर्जनों पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हुए।

राष्ट्रपति जेरी ने त्यागपत्र देने से किया इनकार
विरोध के बीच राष्ट्रपति जोस जेरी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष और “कुछ समूह” देश को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन प्रदर्शनकारी इससे संतुष्ट नहीं हुए।

पेरू में अस्थिरता का पुराना इतिहास
पेरू लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता और भ्रष्टाचार से जूझ रहा है। पिछले एक दशक में यहाँ छह से अधिक राष्ट्रपति बदल चुके हैं, जिनमें कई को भ्रष्टाचार के आरोपों पर पद से हटाया गया। अब जेन-जी यानी नई पीढ़ी खुलकर सड़कों पर उतर आई है और परिवर्तन की मांग कर रही है।

विश्लेषकों के अनुसार, नेपाल और मेडागास्कर की तरह पेरू में भी यह आंदोलन युवाओं की राजनीतिक जागरूकता और पुराने तंत्र के खिलाफ असंतोष का प्रतीक है। पेरू सरकार ने फिलहाल राजधानी में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है और हालात पर नज़र बनाए रखी है।

जनता की मांग — “अब बदलाव चाहिए”
प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना है कि पेरू की जनता दशकों से भ्रष्टाचार, आर्थिक असमानता और अपराध के बोझ तले दब चुकी है। वे अब एक नई, जवाबदेह और पारदर्शी सरकार चाहते हैं। एक युवा प्रदर्शनकारी ने स्थानीय मीडिया से कहा, “हम अब डरते नहीं, यह हमारा देश है और हमें इसका भविष्य बदलना होगा।”

सियासी मियार की रिपोर्ट