Friday , September 20 2024

विद्या भारती विद्यालयों में धूमधाम से मनाया गया 73वॉं गणतंत्र दिवस…

विद्या भारती विद्यालयों में धूमधाम से मनाया गया 73वॉं गणतंत्र दिवस…

प्रयागराज, 26 जनवरी । प्रयागराज में विद्या भारती से सम्बद्ध समस्त विद्यालयों सिविल लाइन्स स्थित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज, गंगापुरी स्थित ज्वाला देवी इण्टर कालेज, राजापुर स्थित रानी रेवती देवी इण्टर कालेज, नैनी स्थित माधव ज्ञान केन्द्र इण्टर कालेज सहित अन्य विद्यालयों में बुधवार को 73वॉं गणतंत्र दिवस समारोह बड़े धूमधाम से मनाया गया।

सिविल लाइन्स स्थित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज में मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि सीएमपी डिग्री कॉलेज के ऐसोसिएट प्रोफेसर राज बिहारी लाल ने ध्वजारोहण किया। इसके उपरान्त कहा कि रिपब्लिक या गणतन्त्र का मतलब होता है लोगों की सर्वोच्च शक्ति, यानि कि देश में लोगों के ऊपर अपने राजनितिक नेता को चुनने का अधिकार होता है। हमारे महान स्वतन्त्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत और संघर्ष के पश्चात् ही भारत को पूर्ण स्वराज मिला। उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया ताकि हमें वो जुल्म सहना न पड़े और हमारा देश भारत आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति एवं संविधान को अक्षुण्य बनाये रखने के लिए हरसंभव प्रयास करते रहना चाहिये।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक डॉ पीयूष ने कहा कि 26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू किया गया था। गणतंत्र का अर्थ है जनता के द्वारा जनता के लिए शासन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश भारत को गणतंत्र देश के रूप में घोषित किया गया था। समाज में, हमारी अलग जाति, धर्म या कई अन्य चीजें हैं जो हमें अलग करती हैं। लेकिन इसकी एक व्यापक तस्वीर यह है कि, हम सभी भारतीय हैं सभी भारतीयों द्वारा एकजुट के रूप में गणतंत्र दिवस के पर्व को मनाया जाता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अव्यक्त राम ने कहा कि संविधान का ठीक प्रकार से पालन तभी हो सकता है जब हम ठीक प्रकार से शिक्षा ग्रहण करके देश के प्रति सम्मान एवं समर्पण का भाव रखें। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा कि हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि, ”हमने एक ही संविधान और संघ में हमारे पूर्ण महान और विशाल देश के अधिकार को पाया है। जो देश में रह रहे सभी पुरुषों और महिलाओं के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है। यह बहुत ही शर्म की बात है कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी हम आज अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी समस्याओं से लड़ रहे हैं। अब समय आ गया है कि हमें दोबारा एक साथ मिलकर अपने देश से इन बुराइयों को बाहर निकाल फेंकना है। जैसे कि स्वतंत्रता सेनानी नेताओं ने अंग्रेजों को हमारे देश से निकाल दिया था। अन्त में शिशु मन्दिर के प्रधानाचार्य सुमन्त पाण्डेय ने अतिथियों का आभार ज्ञापन व संचालन विद्यालय के आचार्य सन्तोष पाण्डेय के निर्देशन में भैया मृदुल बाजपेयी व नितिन तिवारी ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय अध्यक्ष च्वयन भार्गव, कोषाध्यक्ष सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव, मोहनजी टण्डन, अर्चना चहल, कमलाकार तिवारी, हरेन्द्र राय एवं विद्यालय के समस्त आचार्य बन्धु उपस्थित रहे।

छात्रों में शिक्षा के साथ समर्पण, त्याग, राष्ट्रभक्ति की भावना : डॉ कमलाकर

प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज गंगापुरी रसूलाबाद में ध्वजारोहण मुख्य अतिथि डॉ कमलाकर सिंह रेडियोलॉजिस्ट, बेली हॉस्पिटल, प्रयागराज ने किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज जब देश में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है ऐसे में आवश्यकता है कि हम अपने सविंधान निर्माताओं द्वारा भारतीय गणतंत्र के मूल गण अर्थात् सामान्य जनता के हित के बारे में सोचें तथा समाज से राष्ट्र विरोधी तत्वों को जड़ से उखाड़ फेंकें। हमें छात्रों में शिक्षा के साथ-साथ समर्पण, त्याग, राष्ट्रभक्ति एवं भ्रातृत्व की भावना भरनी होगी। जिससे ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण किया जा सके जो भारत को विश्व गुरू का दर्जा दिलाने में सक्षम हों।

विद्यालय के प्रबन्धक व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ आनन्द कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विश्व बन्धुत्व व विश्व कल्याण की भावना लिए भारत सदैव सभी देशों के साथ इस वैश्विक प्रगति में निरन्तर अग्रसर है। यह देश दुनिया के पटल पर बजरंग बली, श्रीराम, श्रीकृष्ण व विवेकानन्द जैसे मनीषियों का देश है। भारत सभी देशों को सभी क्षेत्रों में सबका संरक्षण करेगा, ऐसी परिकल्पना करते हुये छात्र-छात्राओं से कहा कि भारत को जग सिरमौर बनाना ही हमारा लक्ष्य हो।

कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रज्जू भैया प्रसार समिति के मंत्री नागेन्द्र जायसवाल ने छात्रों को देश भक्ति की भावना से ओत प्रोत होकर देशहित में कार्य करने की प्रेरणा दी। समाज में ऐसे लोगों को तैयार करना है जिससे शीर्ष पद पर बैठा हुआ व्यक्ति भी गलत कार्य करने से डरे तभी हमारे स्वतंत्र भारत की परिकल्पना साकार हो सकेगी। विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य जनार्दन प्रसाद दूबे ने अतिथियों का आभार ज्ञापन किया। संचालन विद्यालय की छात्रा सौम्या व श्रेया ने किया। कार्यक्रम में डॉ केएन तिवारी, जीपी सिंह, विद्याशंकर, मौलिचन्द्र, डॉ पीसी श्रीवास्तव, सुरेश चन्द्र तिवारी, महरानी दीन, भूपेन्द्र सिंह, पंकज राय, रितेश अग्रहरि, अंजनी सिंह एवं प्रबुद्ध नागरिक, अभिभावक, अध्यापक व छात्र-छात्रा उपस्थित रहे।

सियासी मियार की रिपोर्ट