बजट प्रस्तावों से निर्यात बढ़ेगा, विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा : निर्यातक…

नयी दिल्ली, 02 फरवरी । बजट में आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को विस्तार, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) के लिए नए कानून और 100 कार्गो टर्मिनल स्थापित करने के प्रस्ताव देश से निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे और साथ ही इससे आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। निर्यातकों और उद्योग ने यह राय जताई है।
ब्रिक्स कृषि कारोबार परिषद के चेयरमैन विक्रमजीत साहनी ने कहा कि तिलहन उत्पादन को प्रोत्साहन की घोषणा से घरेलू उद्योग आगे बढ़ेगा। फिलहाल उद्योग अपनी 60 प्रतिशत तिलहन की जरूरत को आयात से पूरा कर रहा है।
साहनी ने कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र की स्टार्टअप इकाइयों तथा कृषि उपज मूल्य श्रृंखला के ग्रामीण उपक्रमों के वित्तपोषण के लिए नाबार्ड के जरिये विशेष कोष का प्रस्ताव किया गया है, इससे भी देश में औद्योगिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।’’
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना को 50,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय के साथ 2022-23 के लिए आगे बढ़ाया गया है। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों के लिए ऋण गारंटी न्यास (सीजीटीएमएसई) के तहत दो लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण प्रावधान किया गया है। इन घोषणाओं से उद्योग को काफी फायदा होगा।
शक्तिवेल ने कहा कि ईसीएलजीएस योजना ने कोविड महामारी के चरम में एमएसएमई क्षेत्र को काफी मदद प्रदान की थी। इस योजना के विस्तार से कारोबार में नई जान फूंकी जा सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) कानून के स्थान पर नए कानून के प्रस्ताव से सेज आर्थिक वृद्धि का इंजन बन सकेंगे और रोजगार सृजन करेंगे। इसके साथ ही सेज से निर्यात बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (टीपीसीआई) ने एक बयान में कहा कि आम बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार, डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण पर केंद्रित है। टीपीसीआई ने कहा, ‘‘सेज में सुधार काफी समय से लंबित था। हमें खुशी है कि सरकार ने अब इस दिशा में कदम उठाया है।’’
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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