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केरल उच्च न्यायालय ने मॉल के पार्किंग शुल्क वसूलने पर रोक लगाने से इनकार किया…

केरल उच्च न्यायालय ने मॉल के पार्किंग शुल्क वसूलने पर रोक लगाने से इनकार किया…

कोच्चि, 21 मार्च। केरल उच्च न्यायालय ने एर्नाकुलम में ‘लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल’ द्वारा पार्किंग शुल्क वसूले जाने पर रोक लगाने के लिए कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से सोमवार को इनकार कर दिया, लेकिन साथ ही दोहराया कि ऐसा करना उनके स्वयं के जोखिम पर होगा। उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर अंत में यह आदेश पारित किया जाता है कि मॉल के पास पार्किंग शुल्क वसूलने की कोई अनुमति नहीं है, तो उसे प्रत्येक व्यक्ति को वसूली गई राशि वापस करनी होगी। न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने दो याचिकाओं की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। इनमें से एक फिल्म निर्देशक पॉली वडक्कन ने दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मॉल अवैध रूप से लोगों से पार्किंग शुल्क ले रहा है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता बॉस्को लुइस ने अदालत से पार्किंग शुल्क लेने से रोकने के लिए एक अंतरिम आदेश पारित करने का आग्रह करते हुए कहा कि 2014 से पार्किंग के लिए पैसे लिए जा रहे हैं। उन्होंने ही सबसे पहले इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय का रुख किया था। लुइस ने अदालत से कहा कि अगर वह पार्किंग शुल्क वसूली पर रोक लगा देते हैं, तो मॉल को लोगों से पार्किंग शुल्क वसूलने के लिए अपने लाइसेंस या अनुमति, यदि कोई हो, तो उसे पेश करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर इसको नहीं रोका गया, तो राज्य के अन्य सभी मॉल भी ऐसा ही करना शुरू कर देंगे। अदालत ने हालांकि इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि यदि फैसला मॉल के खिलाफ आया, तो उसे एकत्रित राशि प्रत्येक व्यक्ति को वापस करनी होगी। अदालत ने इसके बाद याचिका को चार अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दिया। अदालत ने पिछली सुनवाई की तारीख में कहा था कि प्रथम दृष्टया मॉल को पार्किंग शुल्क लेने का अधिकार नहीं है। याचिकाकर्ता एवं फिल्म निर्देशक पॉली वडक्कन ने पिछले साल दो दिसंबर को मॉल द्वारा उनसे पार्किंग शुल्क के तौर पर 20 रुपये वसूले जाने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था। ‘लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल’ ने दलील दी है कि उसके पास पार्किंग शुल्क लेने का लाइसेंस है।

सियासी मीयार की रिपोर्ट