लॉ करने के लिए उम्र सीमा के खिलाफ याचिका खारिज..

नई दिल्ली, 04 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने कानूनी शिक्षा-एलएलबी ग्रहण करने के लिए 30 साल की ऊपरी आयु सीमा लगाकर अपनी प्रभावी स्थिति का दुरुपयोग करके प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन किया है।
याचिका एक वकील द्वारा दायर की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि अनुसूची 3 के खंड 28, नियम 11 से भाग चार- कानूनी शिक्षा नियम, 2008 को अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत बीसीआई ने नए प्रवेशकों पर कानूनी शिक्षा में प्रवेश करने के लिए अधिकतम आयु प्रतिबंध लगाया है। इस प्रकार कानूनी सेवा के पेशे में नए प्रवेशकों के लिए अप्रत्यक्ष बाधाएं पैदा की हैं।
जनवरी, 2021 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा पारित आदेश में सीसीआई ने माना था कि प्रतिस्पर्धा अधिनियम- 2002 की धारा 4 के तहत अपीलकर्ता/शिकायतकर्ता द्वारा दायर किया गया मामला परीक्षण योग्य नहीं है। सीसीआई ने माना था कि बीसीआई को प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत आने वाले उद्यम के रूप में नहीं माना जा सकता। न्यायमूर्ति एस.के. कौल ने अपीलकर्ता से कहा आप इसे अपने अभ्यास के अधिकार पर एक अनुचित प्रतिबंध मान सकते हैं, लेकिन यह प्रतिस्पर्धा का मामला नहीं है। कानूनी पेशे के इतिहास को कैसे माना जाता है, इस पर विचार करते हुए, हम इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर सकते।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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