सामूहिक विनाश के हथियारों के वित्त पोषण पर लगेगी रोक.

नई दिल्ली,। जैविक…, रासायनिक एवं परमाणु शस्त्रों सहित सामूहिक विनाश के हथियार और उनके प्रसार से जुड़ी किसी भी गतिविधि और इसके लिए वित्त पोषण तथा अन्य किसी भी तरह की मदद पर रोक लगाने वाला विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया।
विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने लोकसभा में सामूहिक विनाश के हथियार और उनके डिलिवरी सिस्टम्स (गैरकानूनी गतिविधियों पर प्रतिबंध) संशोधन विधेयक 2022 को पेश करते हुए कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) से संबंधित एक अंतरराष्ट्रीय दायित्व है और इसीलिए इस विधेयक को यहां पारित कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सामूहिक विनाश के हथियारों से जुड़ी किसी भी गतिविधि और उसका वित्त पोषण रोकना हमारा सामूहिक दायित्व है और यह भारत के राष्ट्रीय एवं वैश्विक हित में है।
यह विधेयक सामूहिक विनाश के हथियार और उनके डिलिवरी सिस्टम्स (गैरकानूनी गतिविधियों पर प्रतिबंध) कानून 2005 में संशोधन करता है जो सामूहिक विनाश के हथियारों और उनकी डिलिवरी के तरीकों से संबंधित गैरकानूनी गतिविधियों (जैसे मैन्यूफैक्चरिंग, परिवहन या स्थानांतरण) पर प्रतिबंध से संबंधित है। सामूहिक विनाश के हथियारों में जैविक, रासायनिक या परमाणु हथियार आते हैं।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक विनाश के हथियारों की गतिविधियों को वित्त पोषित करने पर व्यक्तियों को सामूहिक विनाश के हथियारों और उनके डिलिवरी सिस्टम्स से संबंधित किसी भी निषिद्ध गतिविधि को वित्तपोषित करने पर प्रतिबंध लगाता है। ऐसा करने के लिए केंद्र सरकार किसी व्यक्ति के धन, वित्तीय संपत्ति, या आर्थिक संसाधनों (चाहे उसके स्वामित्व या अधिकार वाले अथवा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित हों) को जब्त या कुर्क कर सकती है। अगर कोई व्यक्ति ऐसी गतिविधियों में संलग्न है जो प्रतिबंधित हैं, तो किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा उस व्यक्ति को वित्त या संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराने पर भी रोक लगायी जा सकती है।
कांग्रेस के उत्तम कुमार नालमाडा रेड्डी ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि वह विधेयक का स्वागत करते हैं लेकिन यह भी आगाह करना चाहते हैं कि इस विधेयक को व्यक्ति केन्द्रित रखा गया है जबकि संस्थाओं एवं देशों को भी इसमें रखा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि चीन एवं पाकिस्तान के युद्धक विमान तथा ड्रोन भी सामूहिक विनाश के हथियारों के डिलीवरी सिस्टम हैं। उन्हें भी इस विधेयक के दायरे में लाया जाये। पड़ोस में राजनीतिक अशांति के बीच हमें एवं हमारी संस्थाओं को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दूसरे विश्वयुद्ध में जापान के नागासाकी के बाद इसका फिर इस्तेमाल नहीं हुआ है लेकिन हाल के दिनों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जैविक हथियारों को अलर्ट पर लाने का हुक्म दिया है जो बहुत चिंता की बात है।
भारतीय जनता पार्टी के राज्यवर्धन राठौड ने कहा कि दुनिया की बदलती वैश्विक व्यवस्था में भारत बदल रहा है और ज्यादा मजबूत होता जा रहा है। उनका कहना था कि मानवता के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद आतंकवाद के विरुद्ध अपनी लडाई को तीखा बनाना है लेकिन लोगों में तबाही लाने वाले हथियारों के निर्माण पर रोक लगाई जा सके। लोग गलत तरीके से इन हथियारों का निर्माण नहीं करें और इसके लिए पैसा कहां से आ रहा है इस पर ध्यान देने की जरूरत है और यह विधेयक इन्हीं गतिविधियों पर रोक लगाने का प्रावधान करता है। इसमें उन सब लोगों को सजा देने का प्रावधान है जो गैरकानूनी तरीके से मानव विनाश के हथियार बनाने से किसी भी रूप से जुड़े हैं।
द्रमुक के ए राजा ने कहा कि इस तरह के कानून बनाने की बजाय विभिन्न देशों के साथ समझौते होने चाहिए और यदि समझौते होंगे तो उससे एक व्यवस्थित तरीके से देश की सीमाओं में किसी भी मानव विनाश के हथियारों के विस्तार को रोका जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों के निर्माण को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है हालांकि इसके बावजूद पूरी दुनिया में इसका प्रसार तेजी से हो रहा है। उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र किया और कहा कि वहां के एक परमाणु वैज्ञानिक ने परमाणु हथियार बनाने की तकनीकी को दूसरे देशों को बेचा जो पूरी तरह से परमाणु हथियारों के निर्माण से जुड़ी संधि का उल्लंघन था। उनका कहना था कि समझौते करके और सहमति से इस तरह के प्रसार को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर पर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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