केंद्र ने दिल्ली के नगर निकायों के विलय की घोषणा की…

नई दिल्ली, 19 अप्रैल)। केंद्र ने एक गजट अधिसूचना जारी कर तीन नगर निकायों को एक में विलय करने की घोषणा की है, जिसे दिल्ली नगर निगम कहा जाएगा।
विलय के लिए विधेयक हाल ही में संपन्न संसद सत्र में पारित किया गया था। 18 अप्रैल को, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की सहमति मिलने के बाद, दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 को प्रभावी बनाने के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की गई थी।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों को केंद्र द्वारा निर्धारित तरीके से अलग-अलग वाडरें में रोटेशन द्वारा आवंटित किया जा सकता है।
गृह मंत्रालय एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के लिए अलग से अधिसूचना जारी करेगा। अधिनियम इंगित करता है कि दिल्ली में वार्डो को फिर से तैयार करने के लिए एक नई जनगणना की जाएगी।
दिल्ली में वर्तमान में 272 नगरपालिका वार्ड हैं और तीनों निकायों के विलय के बाद, राष्ट्रीय राजधानी में वर्तमान संख्या को कम करते हुए अधिकतम 250 वार्ड होंगे।
5 अप्रैल को संसद द्वारा पारित एमसीडी (संशोधन) विधेयक ने केंद्र को नई एमसीडी की पहली बैठक होने तक शक्ति का प्रयोग करने और निगम के कार्यों का निर्वहन करने के लिए एक विशेष अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया।
विलय के लिए कानून केंद्र को अधिक अधिकार देता है और नए प्रावधान के अनुसार, एमसीडी के आयुक्त केंद्र के सामान्य अधीक्षण और निर्देश के तहत निर्माण नियमों पर शक्तियों का प्रयोग करेंगे और कार्यो का निर्वहन करेंगे।
तीन एमसीडी के लिए चुनाव इसी महीने निर्धारित किए गए थे, लेकिन विलय के बारे में केंद्र के संचार के बाद 9 मार्च को स्थगित कर दिया गया था।
तीनों नगर निकायों का कार्यकाल 18, 19 और 22 मई को समाप्त हो जाएगा।
2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने नगर निकाय के बेहतर प्रशासन के लिए एमसीडी को तीन अलग-अलग नगर निकायों में विभाजित कर दिया था।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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