असम के मुख्यमंत्री ने यूसीसी की वकालत की, कहा इससे मुस्लिम औरतों का सम्मान सुनिश्चित होगा..

नई दिल्ली, 01 मई। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की पुरजोर वकालत की है और कहा कि कोई भी मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसका शौहर तीन और बीवियां लेकर आए। सरमा ने यहां रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की जिन्होंने हाल में कहा था कि उनकी सरकार राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए मसौदा तैयार करेगी।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जिस मुस्लिम से भी मिले उन सभी को यूसीसी चाहिए था। सरमा ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, “कोई मुस्लिम औरत नहीं चाहती कि उसके शौहर की तीन बीवियां हों। कोई यह नहीं चाहता। कोई आपसे नहीं कहेगा कि उसके शौहर को तीन औरतों से शादी करनी चाहिए। यह कौन चाहता है।” उन्होंने कहा कि मुस्लिम व्यक्ति यदि एक से ज्यादा औरतों से शादी करता है तो यह उसकी नहीं बल्कि मुस्लिम माताओं और बहनों की समस्या है। सरमा ने कहा कि अगर मुस्लिम औरतों और माताओं को समाज में इज्जत देनी है तो तीन तलाक (कानून) के बाद यूसीसी लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं हिंदू हूं और मेरे पास यूसीसी है। मेरी बहन और बेटी के लिए मेरे पास यूसीसी है। अगर मेरी बेटी के लिए मेरे पास यूसीसी हो सकता है तो मुस्लिम बेटियों को भी यह सुरक्षा मिलनी चाहिए।”
शांति और समृद्धि की खोज में भारत के महत्वपूर्ण साथी हैं यूरोपीय भागीदार : प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली, 01 मई (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की अपनी यात्रा से पहले रविवार को कहा कि उनका यूरोप दौरा ऐसे समय हो रहा है जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और वह भारत के यूरोपीय साझेदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करना चाहते हैं।
मोदी ने एक बयान में कहा कि वह जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज के निमंत्रण पर दो मई को बर्लिन पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद वह डेनमार्क के अपने समकक्ष मेटे फ्रेडरिकसेन के निमंत्रण पर 3-4 मई को कोपेनहेगन की यात्रा करेंगे और इस दौरान द्विपक्षीय वार्ता होगी तथा दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा।
मोदी ने कहा, ”भारत लौटते समय, मैं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक के लिए पेरिस, फ्रांस में कुछ समय के लिए रुकूंगा।” प्रधानमंत्री ने कहा, ”मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय हो रही है जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। अपनी यात्रा के माध्यम से, मैं यूरोपीय भागीदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करना चाहता हूं, जो शांति और समृद्धि की खोज में भारत के महत्वपूर्ण साथी हैं।” उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब यूक्रेन पर आक्रमण के चलते रूस के खिलाफ अधिकांश यूरोप एकजुट है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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