बिजली क्षेत्र में व्यापक सुधार की जरूरत : मुख्यमंत्री..

लखनऊ, 02 मई । उत्तर प्रदेश में व्याप्त बिजली संकट के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार की जरूरत बताते हुए सोमवार को कहा कि विभागीय मंत्री अपने महकमे की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा करके हर स्तर पर बदलाव के प्रयास करें।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति के संबंध में दिशा-निर्देश देते हुए कहा ”ऊर्जा क्षेत्र में सुधार की व्यापक आवश्यकता है। भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के दृष्टिगत कार्ययोजना तैयार की जाए। विभागीय मंत्री द्वारा विभाग की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा करते हुए हर स्तर पर व्यापक बदलाव के प्रयास किए जाएं।”
उन्होंने कहा ”उपभोक्ताओं को बिजली का सही बिल, समय पर मिले। ओवरबिलिंग, फाल्स बिलिंग अथवा विलंब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान करता है। इस व्यवस्था में सुधार के लिए बिलिंग और उसकी वसूली की क्षमता बढ़ाने के लिए ऊर्जा विभाग को ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। ग्रामीण इलाकों में विशेष प्रयास की जरूरत है।”
आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में रोस्टर के अनुरूप बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि खदानों से बिजलीघरों तक कोयले की ढुलाई के लिए रेल के साथ-साथ सड़क मार्ग का प्रयोग भी किया जाए।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बिजली संकट बना हुआ है। ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में करीब 23 हजार मेगावाट बिजली की मांग के सापेक्ष आपूर्ति 20800 मेगावाट ही हो रही है। हालांकि राज्य को राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश से करीब 1600 मेगावाट बिजली मिली है। मगर इसके बावजूद अब भी लगभग 2000 मेगावाट की कमी है। इसके परिणामस्वरूप राज्य के, खासकर गांवों और कस्बों में चार से पांच घंटे की अतिरिक्त कटौती की जा रही है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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