फिटनेस ट्रेनर बन सुरक्षित करें मजबूत भविष्य..

गजनी फिल्म में आमिर खान के 8 पैक्स या ओम शांति ओम में शाहरुख के 6 पैक्स एब्स, बिना फिटनेस ट्रेनर के लिए यह इंपॉसिबल थे। बॉलीवुड में एक कहावत है कि बॉडी फिट, तो फिल्म हिट। अपने सेलिब्रिटी कस्टमर्स के जरिए इन्हें पॉपुलरिटी तो मिलती ही है, साथ ही मोटे पैकेज के रास्ते भी खुल जाते हैं। अगर आपमें फिटेनस का जुनून है, तो सत्यजीत चैरसिया, अलखस जोसेफ, मनीष अदविलकर जैसे फिटनेस वर्ल्ड के बडे नामों में आप भी शामिल हो सकते हैं।
वर्क प्रोफाइल: फिटनेस ट्रेनर का बेसिक काम क्लाइंट्स को फिजीकली फिट रखने के साथ लाइफ स्टाइल, प्रोफेशन और उम्र जैसे फैक्टर्स के मुताबिक एक्सरसाइज शेड्यूल तय करना है। ट्रेनर्स जिम में मशीनों से क्लाइंट्स को वेट, कॉर्डियो, स्ट्रेचिंग, मसल्स कंडीशनिंग एक्सरसाइज, रूटीन फॉलो कराते हैं।
करियर ऑपर्चुनिटीज: आज मल्टीनेशनल कंपनियों में वर्क करने वाले एग्जीक्यूटिव्स से लेकर टीनएजर्स तक हेल्थ कॉन्शियस हुए हैं। ऐसे में क्वालिफाइड फिटनेस ट्रेनर्स के लिए शानदार ऑपर्चुनिटीज हैं। जिम, होटल्स, हेल्थ क्लब, फिटनेस सेंटर्स, स्पोर्ट्स हॉस्टल में फिटनेस ट्रेनर की काफी डिमांड है।
क्वालिफिकेशन एंड स्किल्स: इसमें कामयाबी के लिए पेशेंस लेवल जरूरी है। यहां हर दिन टीनएजर्स से लेकर सीनियर सिटिजंस तक से वास्ता पडेगा। बढिया स्टेमिना अच्छी फिजीक, ह्यूमन एनाटॉमी केसाथ कम्युनिकेशन स्किल्स, इंट्रापर्सनल स्किल्स की भी जानकारी काम आती है।
ट्रेनिंग है मस्ट: आप यहां नाइक एयरोबिक्स कोर्स या रीबॉक इंस्ट्रक्टर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम जैसे ऑप्शंस सलेक्ट कर सकते हैं। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी स्पोर्ट्स एंड एथलेटिक्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में जगह देता है। कई यूनिवर्सिटीज भी बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन, मास्टर इन फिजिकल एजुकेशन जैसे कोर्स चलाते हैं।
ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स
-इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, नई दिल्ली
-लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर
-साई, नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स, पटियाला
-साई, एनएस ईस्टर्न सेंटर, साल्ट लेक, कोलकाता
प्रोफेशनल कोर्स जरूरी: फिल्म गजनी में आमिर खान की बॉडी तराशने वाले मशहूर सेलिब्रिटी फिटनेस ट्रेनर सत्यजीत चैरसिया के मुताबिक फिट बॉडी के लिए रेगुलर एक्सरसाइज रिजाइम के साथ डिसिप्लिंड लाइफ, बैलेंस डाइट जरूरी है। इसकी प्रोफेशनल क्वॉलिफिकेशन हासिल करें, इंटरनेट पर ऑथेंटिक एक्सरसाइज वीडियोज देखकर और बुक्स की मदद से इंफॉर्मेशन गेन करें।
कविता
दुःख तो जरिया है
– आनंद कुमार –
मुझे पता है,
तुम मुझे दुःख देकर दुखी हो।
मैं जानता हूँ
तुम मेरे आस-पास यहीं कहीं हो।
मालूम है, दुःख तो जरिया है तुम्हारा
रखने को पास लगता जो प्यारा।
दुःख ही है सरल साधन
दुःख में रहे तेरा स्मरण।
पर जब-जब तुम दुःख देते हो
सोचता हूँ, मेरे साथ ही क्यों?
मगर मालूम जिन्हें तुम चाहते हो
उनको ही लीला दिखाते हो।
तुम लेते हो परीक्षा प्रतिपल
करते दुःख दूर, होते जो सफल।
लेकिन दुःख तो जरिया है
तुहारे पास रहने का।
इसलिए हे ईश! दुःख चाहे दूर करना
मगर अपने से दूर न करना।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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