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बीते वित्त वर्ष में ऋण वृद्धि में बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने बाजी मारी..

बीते वित्त वर्ष में ऋण वृद्धि में बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने बाजी मारी..

नई दिल्ली, 29 मई। बीते वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ऋण वृद्धि में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में ऋण और जमा में वृद्धि के मामले में प्रतिशत के लिहाज से बीओएम ने सबसे ऊंची वृद्धि हासिल की है।

पुणे स्थित मुख्यालय वाले बीओएम का सकल ऋण 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में 26 प्रतिशत बढ़कर 1,35,240 करोड़ रुपये रहा है।

इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का नंबर आता है। बीते वित्त वर्ष में एसबीआई की ऋण वृद्धि 10.27 प्रतिशत रही। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 9.66 प्रतिशत की ऋण वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

हालांकि मूल्य के लिहाज से एसबीआई पहले स्थान पर रहा है। एसबीआई द्वारा दिया गया कुल कर्ज बीओएम से 18 गुना अधिक यानी 24,06,761 करोड़ रुपये रहा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का कर्ज भी बीओएम से पांच गुना अधिक यानी 6,99,269 करोड़ रुपये रहा।

जमा वृद्धि के मामले में भी बीओएम प्रतिशत में सबसे आगे रहा है। मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में बीओएम की जमा 16.26 प्रतिशत बढ़कर 2,02,294 करोड़ रुपये रही। वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की जमा 11.99 प्रतिशत बढ़कर 10,32,102 करोड़ रुपये और इंडिया बैंक की 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5,84,661 करोड़ रुपये रही।

कुल कारोबार वृद्धि के मामले में भी बैंक ऑफ महाराष्ट्र शीर्ष पर रहा है। वित्त वर्ष के दौरान बैंक का कुल कारोबार 20 प्रतिशत बढ़कर 3,37,534 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का कारोबार 11.04 प्रतिशत बढ़कर 17,31,371 करोड़ रुपये रहा।

खुदरा, कृषि और एमएसएमई (आरएएम) खंड में भी बीओएम ने प्रतिशत के लिहाज से सबसे ऊंची वृद्धि दर्ज की। आरएएम खंड में बैंक की वृद्धि 18.65 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 80,669 करोड़ रुपये रही।

वित्त वर्ष के दौरान बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर 3.94 प्रतिशत रह गईं। मार्च, 2021 के अंत तक यह 7.23 प्रतिशत थीं। वहीं बैंक का शुद्ध एनपीए भी 2.48 प्रतिशत से घटकर 0.97 प्रतिशत रह गया।

सियासी मियार की रिपोर्ट