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अंतिम पड़ाव में पहुंची हज यात्रा, जायरीनों ने माउंट अराफात पहुंचकर इबादत की..

अंतिम पड़ाव में पहुंची हज यात्रा, जायरीनों ने माउंट अराफात पहुंचकर इबादत की..

माउंट अराफात (सऊदी अरब), 08 जुलाई वार्षिक हज यात्रा शुक्रवार को अपने अंतिम पड़ाव पहुंच गई, जब दुनियाभर के लाखों मुसलमानों ने सऊदी अरब के पवित्र पर्वत माउंट अराफात पर इबादत की। माना जाता है कि माउंट अराफात पर ही पैगंबर मोहम्मद ने अपना आखिरी खुतबा (उपदेश) देते हुए मुसलमानों के बीच समानता व एकता का आह्वान किया था। ऐसे में शुक्रवार को हज यात्रियों ने कंधे से कंधा मिलाकर एक-दूसरे के साथ इबादत करते हुए अपने गुनाहों से मुक्ति मांगी। इस दौरान कई हज यात्रियों की आंखें नम भी हो गईं।

मुसलमानों का मानना है कि आज के दिन मक्का शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित माउंट अराफात पर इबादत करने से गुनाहों से मुक्ति मिलती है और खुदा राजी होता है। शुक्रवार को सूरज निकलने से पहले ही हज यात्री माउंट अराफात के लिए रवाना होने लगे। वे इबादत पूरी करने के बाद रात तक वापस लौटने लगेंगे। शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम मुसलमानों से जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा करने के लिए कहा जाता है। इस दौरान वे उन जगहों की यात्रा करते हैं, जहां माना जाता है कि लगभग 1,400 वर्ष पहले पैंगबर मोहम्मद ने अपना जीवन बिताया था।

हज यात्रा में इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल काबा के आसपास इबादत करना शामिल है। बृहस्पतिवार को मस्जिद हरम के आंगन में हजारों हज यात्रियों ने काबा के आसपास तवाफ (परिक्रमा) किया। हालांकि, इस बार हज के दौरान पिछले दो साल की तुलना में अलग नजारा देखने को मिला है। कोविड-19 के चलते जहां साल 2020 और 2021 में हज यात्री पाबंदियों का कड़ाई से पालन करते दिखे थे, वहीं इस बार उतनी सख्ती नहीं नजर आई। कई जायरीन बिना मास्क के यात्रा करते दिखे। साथ ही सामाजिक दूरी का पालन भी इस बार बहुत कम नजर आया।

साल 2022 में केवल उन विदेशी और घरेलू जायरीनों को हज यात्रा की अनुमति दी गई थी, जिनका पूर्ण टीकाकरण हो चुका था, जिनमें कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े कोई लक्षण नहीं थे और जिनकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच थी। अधिकारियों के अनुसार, इस साल 85 प्रतिशत हज यात्री विदेशी थे। उन्होंने बताया कि 2022 में दस लाख से अधिक विदेशी और घरेलू जायरीनों ने हज यात्रा की। हालांकि, यह संख्या कोविड-19 से पहले की तुलना में काफी कम है, जब हर साल औसतन 25 लाख से अधिक लोग हज यात्रा करते थे। साल 2020 में जब कोविड-19 का प्रकोप चरम पर था, तब केवल 1,000 सऊदी निवासियों को ही हज यात्रा की अनुमति मिली थी।

सियासी मियार की रिपोर्ट