हीरो इलेक्ट्रिक करेगी 2,500 करोड़ रु. निवेश..

नई दिल्ली, 05 नवंबर। हीरो इलेक्ट्रिक 2,500 करोड़ रुपये का निवेश कर 2026 तक 40 लाख अतिरिक्त दोपहिया वाहनों को बनाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। निवेश का पहला चरण राजस्थान में एक नए कारखाने के लिए होगा, जहां विक्रेता इकाइयां एक और 400 करोड़ का निवेश करेंगी। दूसरे चरण के तहत दक्षिण भारत में निवेश किया जाएगा, जिसके लिए एक संयंत्र के स्थान की तलाश की जा रही है। दोनों कारखाने एक समान आकार और बराबर निवेश के होंगे। फर्म के पास 500,000 वाहनों के निर्माण की क्षमता है।
कंपनी 45 लाख इकाई प्रति वर्ष बना रही है, जो कि ओला इलेक्ट्रिक की उत्पादन क्षमता से आधी है। ओला एक करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन (दोपहिया सहित) बनाने की क्षमता वाली एक फैक्ट्री का निर्माण कर रही है। हीरो की योजना 1,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाकर कंपनी का विस्तार करना है और वह निजी इक्विटी (पीई) फंडों के साथ बातचीत कर रही है। यह दूसरी बार है जब कंपनी पीई फंड वाली कंपनियों से पैसा जुटाने का सहारा ले रही है।
अपनी महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रिक स्कूटर विस्तार योजना के बारे में बताते हुए देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उद्योग 2023-24 (वित्त वर्ष 24) तक 10 लाख इकाई ई- वाहन बनाने के लक्ष्य तक पहुंच जाएगा।
कंपनी के रिसर्च के अनुसार, कंपनी 2026-27 तक 90 लाख इकाई के उत्पादन तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनी 2026 तक लगभग 40 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का उत्पादन करना चाहती है। इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेज हो रहा है और आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) से इलेक्ट्रिक की ओर बदलाव स्पष्ट रूप से इसके तेजी से आगे बढ़ने का संकेत दे रहा है। यह बदलाव इस बात की ओर इशारा करता है कि कंपनी क्यों बिक्री को तीन गुना से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य बना रही है। कंपनी 2022-23 में अनुमानित 160,000 इकाई से वित्त वर्ष 24 में 500,000 इकाई तक उत्पादन क्षमता बढ़ाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वह जो निवेश करने की योजना बना रहे है, उसमें वर्तमान में किए जा रहे अनुसंधान और विकास खर्च में भारी बढ़ोतरी शामिल नहीं है।
मुंजाल ने कहा कि हीरो की योजना बनाते समय यह पहले ही ध्यान में रखा जा चुका है कि केंद्र सरकार से सब्सिडी हमेशा नहीं मिलेगी। बिक्री के आधार पर, कंपनी को उम्मीद है कि हाइब्रिड सहित फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स-2 (फेम 2) के तहत 10 लाख वाहनों के लिए सब्सिडी के रूप में निर्धारित 10,000 करोड़ रुपये अगले साल जून/जुलाई तक खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार को यह तय करना होगा कि आगे फेम3 में क्या योजना होगी।
मुंजाल ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे अच्छा मूल्य निर्धारण 85,000 से 95,000 के बीच होगा, जिसमें लोग इसे खरीदना पसंद करेंगे। यह अकेले वाहन उद्योग की 70 से 80 फीसदी बिक्री के लिए जिम्मेदार है। इसके बाद के वाहन प्रीमियम श्रेणी में आते हैं जिसका मूल्य एक लाख रुपये से ऊपर है। इसमें ओला, एथर एनर्जी और हीरो मोटोकॉर्प शामिल है।
उन्होंने कहा कि सिटी स्कूटर सेगमेंट की बिक्री के मुकाबले प्रीमियम श्रेणी के वाहनों से डेढ़ गुना राजस्व प्राप्त होगा। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा था कि इसके कुल राजस्व में 50 फीसदी हिस्सेदारी स्कूटर की है। मुंजाल ने यह भी कहा कि उनकी कंपनी की रणनीति ओला से अलग है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी सेल टेक्नोलॉजी में निवेश नहीं करेगी। ओला ऐसा लिथियम ऑयन बैट्री बनाकर कर रही है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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