Sunday , September 22 2024

विस्तार एयरलाइन: कई प्रयासों के बाद वर्ष 2015 में पूरा हुआ था टाटा-एसएआई का सपना…

विस्तार एयरलाइन: कई प्रयासों के बाद वर्ष 2015 में पूरा हुआ था टाटा-एसएआई का सपना…

नई दिल्ली,। बात 1994 की है। उस समय टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) ने भारत में संयुक्त उद्यम में एयरलाइन शुरू करने के प्रयास किये। उसके छह साल बाद, उन्होंने एयर इंडिया में हिस्सेदारी लेकर दोबारा से देश के विमानन बाजार में दस्तक देने की कोशिश की।

हालांकि, उनके दोनों प्रयास विफल रहे। अंतत: दोनों कंपनियों के सपने ने हकीकत का रूप लिया और जनवरी 2015 में विस्तार ने उड़ान सेवा शुरू की।

टाटा समूह ने मंगलवार को विस्तार का विलय एयर इंडिया में किये जाने की घोषणा की।

विस्तार अब बाजार हिस्सेदारी के मामले में देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन है। कंपनी ने अपनी पहली उड़ान दिल्ली से मुंबई के बीच नौ जनवरी, 2015 को भरी।

विस्तार की बाजार हिस्सेदारी अक्टूबर में 9.2 प्रतिशत थी।

फिलहाल, विमानन कंपनी 43 घरेलू और विदेशी गंतव्यों को जोड़ती है और रोजाना 260 से अधिक उड़ानों का परिचालन करती है। कंपनी के बेड़े 54 विमान और 4,500 कर्मचारी हैं।

विस्तार की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘टाटा समूह और सिंगापुर एययरलाइंस दोनों का भारत के विमानन क्षेत्र में वृद्धि की संभावना को लेकर पूरा भरोसा रहा है। इसीलिए उन्होंने पूर्व में दो बार भारतीय बाजार में प्रवेश करने की कोशिश की। सबसे पहले, 1994 में संयुक्त उद्यम बनाकर भारत में एयरलाइन बनाने का प्रयास किया। बाद में 2000 में एयर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने के लिये गठजोड़ किया।’’

एयरलाइन क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा पर पाबंदी 2012 में हटने के बाद टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस ने फिर से गठजोड़ की मंजूरी मांगी। उन्हें अक्टूबर, 2013 में मंजूरी मिली। नवंबर, 2013 में टाटा एसआईए एयरलाइंस लि. अस्तित्व में आई, जो विस्तार की होल्डिंग कंपनी है।

सियासी मियार की रिपोर्ट…