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अंतिम छोर तक हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए संसदीय समिति का सी-प्लेन नीति पर जोर..

अंतिम छोर तक हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए संसदीय समिति का सी-प्लेन नीति पर जोर..

नई दिल्ली, । संसद की एक समिति ने मंगलवार को नागर विमानन मंत्रालय से कहा कि वह तेजी से सी-प्लेन नीति तैयार करे और हवाई अड्डों के साथ-साथ विमानन कंपनियों को भी निर्देश दे कि वे दिव्यांग लोगों को विमान में सवार होने के लिए सहायता मुहैया कराएं।

ये सिफारिशें परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर विभाग संबंधी संसद की एक स्थायी समिति द्वारा पेश रिपोर्ट का हिस्सा हैं।

इस साल मार्च में, मंत्रालय ने लघु विमान योजना (एसएएस) शुरू की, जिसमें सी-प्लेन का संचालन शामिल है।

हालांकि, समिति ने कहा कि सीप्लेन नीति को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इसलिए समिति अपनी सिफारिश को दोहराती है कि विभिन्न हितधारकों के परामर्श से एक सी-प्लेन नीति तेजी से तैयार की जा सकती है, जो देश के दूर-दराज और अंतिम छोर के क्षेत्रों में रहने वाले आम लोगों तक हवाई संपर्क प्रदान करेगी।’’

वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य वी विजयसाई रेड्डी की अध्यक्षता वाली समिति ने 2022-23 के लिए मंत्रालय की अनुदान मांग पर पूर्व की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों/टिप्पणियों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर यह रिपोर्ट सौंपी।

इससे पहले समिति ने चिंता जताई थी कि यात्रियों से शुल्क वसूलने के बावजूद निजी विमानन कंपनियां परिचालन लागत कम करने के लिए पीबीबी (पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज) या एयरोब्रिज सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं।

मंत्रालय के अनुसार विमानन नियामक डीजीसीए ने हवाईअड्डों और विमानन कंपनियों के साथ इस मामले पर चर्चा की।

एयरलाइंस ने सूचित किया है कि हवाई अड्डों पर एयरोब्रिज जैसे ब्रिज माउंट उपकरणों के उपयोग के लिए वाणिज्यिक मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया जाता है क्योंकि कभी-कभी, वे वित्तीय बोझ को बढ़ाते हैं और विमान के टर्न-अराउंड समय को बढ़ाते हैं।

इसलिए, मंत्रालय द्वारा पैनल को दी गई जानकारी के अनुसार, हवाई अड्डों पर ऐसी सुविधाओं का उपयोग करना व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं है।

रिपोर्ट में उल्लिखित मंत्रालय के जवाब के अनुसार, ‘‘यह हवाई अड्डे और एयरलाइन के बीच एक वाणिज्यिक मुद्दा है और यह संचालन की सुरक्षा को प्रभावित नहीं करता है, डीजीसीए / मंत्रालय हवाई अड्डों पर ब्रिज माउंट इक्विपमेंट (पीसीए / एफईजीपी) के अनिवार्य उपयोग के लिए निर्देश जारी नहीं कर सकता है।’’

समिति ने कहा कि डीजीसीए और मंत्रालय हवाई अड्डों या एयरलाइंस को हवाई अड्डों पर एयरोब्रिज के अनिवार्य उपयोग के लिए निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं, जिससे यात्रियों, विशेष रूप से वृद्ध लोगों को बड़ी समस्या होती है।

समिति ने कहा कि इसलिए वह दृढ़ता से सिफारिश करती है कि मंत्रालय कम से कम सभी हवाई अड्डों/एयरलाइनों को आवश्यक निर्देश जारी करे कि वे वृद्ध/दिव्यांग यात्रियों को यात्री बोर्डिंग रैंप, व्हीलचेयर और हाइड्रोलिक लिफ्ट के उपयोग के साथ विमान में चढ़ने के लिए सहायता प्रदान करें।

समिति का एक अन्य प्रस्ताव शहर के मास्टर प्लान को एयरपोर्ट मास्टर प्लान के साथ सहयोग से आगे बढ़ाना है।

प्रस्ताव पर किसी भी राज्य के अपने विचारों के साथ आगे नहीं आने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए समिति ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) सक्रिय रूप से इस मामले को राज्य सरकारों के साथ उठा सकता है।

सियासी मीयार की रिपोर्ट