साल 2023 में देसी फर्में सार्वजनिक निर्गम से जुटाएंगी रकम : बैंकर..

नई दिल्ली, 31 दिसंबर । सार्वजनिक निर्गम से रकम जुटाने के मामले में साल 2023 में तेजी आएगी क्योंकि खुदरा निवेशक आकर्षक ब्याज दरों पर दांव लगा रहे हैं और नकदी के सख्त हालात के बीच कंपनियां अपने-अपने फंडिंग पोर्टफोलियो को विशाखित करने पर विचार कर रही हैं। बैंकरों व विश्लेषकों ने ये बातें कही है।
भारतीय कंपनियों ने साल 2022 में निजी नियोजन के जरिये करीब 5.38 लाख करोड़ रुपये जुटाए। आंकड़ों से यह जानकारी मिली। सार्वजनिक निर्गम हालांकि करीब 80 अरब रुपये का रहा।
जेएम फाइनैंशियल के प्रबंध निदेशक अजय मंगलूनिया ने कहा, चूंकि ब्याज दरें उच्च स्तर पर बनी हुई हैं, ऐसे में खुदरा निवेशक सार्वजनिक निर्गम में निवेश करना चाहेंगे। कंपनियां भी इस जरिये का इस्तेमाल अपने फंडिंग प्रोफाइल के विशाखन में कर सकती हैं, ऐसे में हम जनवरी-मार्च और साल 2023 में ज्यादा इश्यू देख सकते हैं।
बैंकरों के अनुसार, आसान, क्रियान्वयन की छोटी अवधि और कम लागत के कारण कंपनियां पारंपरिक तौर पर निजी नियोजन के जरिये रकम जुटाने को प्राथमिकता देती हैं।
हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक महामारी के दौरान प्रदान किए गए असाधारण प्रोत्साहन पैकेज की वापसी और सरप्लस नकदी में कमी लाना चाहता है। ऐसे में इश्यू करने वाली कंपनियों के पास संस्थागत निवेशकों के सीमित कोष का पीछा करने के अलावा कोई और जरिया नहीं होगा, लिहाजा निजी नियोजन मुश्किल भरा हो जाएगा।
सेबी के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय कंपनियों ने साल 2020 व 2021 में सार्वजनिक निर्गमों के जरिये क्रमश: 127.1 अरब रुपये व 175.3 अरब रुपये जुटाए थे। निजी नियोजन के जरिये उन्होंने क्रमश: 8 लाख करोड़ रुपये व 6.31 लाख करोड़ रुपये जुटाए।
बैंकरों ने कहा, सार्वजनिक निर्गम की ऊंची लागत के बावजूद गैर-बैंकिंग व माइक्रो-फाइनैंस कंपनियों के लिए फंडों का विशाखन व ब्रांड बिल्डिंग इश्यू करने वालों को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
दरें आकर्षक बनी रहेंगी
साल 2022 में बॉन्ड बाजारों में काफी उतारचढ़ाव रहा, जिसकी वजह यूक्रेन युद्ध, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत सख्ती, उच्च महंगाई और आरबीआई की ब्याज बढ़ोतरी रही।
आगामी साल हालांकि कम परेशानी वाला होने की संभावना है और प्रतिफल ऊंचा बना हुआ है, जो खुदरा निवेशकों के लिए सकारात्मक है।
अदाणी एंटरप्राइजेज और इंदौर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन अपनी-अपनी पहली बॉन्ड पेशकश ला रही हैं।
अन्य एनबीएफसी मसलन एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस और मुथूट फाइनैंस भी जनवरी-मार्च के दौरान बाजार से रकम जुटाने की तैयारी में हैं। मर्चेंट बैंकरों ने यह जानकारी दी।
कई एनबीएफसी और माइक्रो फाइनैंस कंपनियां भी खुदरा निवेश को प्राथमिकता देती हैं, जो उन्हें डेवलपमेंट फाइनैंस इंस्टिट्यूशन व वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने में मदद करती है।
मुथूट फाइनैंस के मुख्य वित्त अधिकारी ओमेन मैमन ने कहा, हम मौजूदा वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले एक और इश्यू की उम्मीद कर रहे हैं। निश्चित तौर पर और कंपनियां अगले साल बॉन्ड के सार्वजनिक निर्गम लेकर आएंगी।
फरवरी में 25 आधार अंकों की एक और दर बढ़ोतरी के बाद आरबीआई सख्ती के चक्र पर विराम दे सकता है और बाजार ने मोटे तौर पर इसे समाहित कर लिया है। यूटीआई म्युचुअल फंड के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुधीर अग्रवाल ने कहा, मुझे लगता है कि सार्वजनिक निर्गम में बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि बैंकों की सावधि जमाओं की दोबारा प्राइसिंग धीरे-धीरे हो रही है जबकि सार्वजनिक निर्गम बाजार की वास्तविकताओं को काफी तेजी से समाहित कर रहे हैं।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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