फर्जी तरीके से ली गई राशि वापस नहीं कर रहे अपात्र किसान…

गाजियाबाद, । विभागीय अधिकारी अब तक एक फीसदी भी अपात्र किसानों से फर्जी तरीके से ली गई राशि वसूल नहीं कर सके हैं। एक साल में 1,999 अपात्र किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लिया है। लाभ लेने वालों में सरकारी कर्मचारी, पेंशनधारक और करदाता भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत जनपद के करीब 65 हजार किसान पंजीकृत हैं। कई बार सत्यापन के बावजूद भी अपात्र किसान फर्जी तरीके से योजना का लाभ लेते रहे हैं। शासन के आदेश पर हुई जांच में फर्जी तरीके से लाभ लेने वाले 1,999 ऐसे किसान सामने आए थे, जो योजना के लिए पात्र ही नहीं थे। बावजूद इसके वह दो साल से ज्यादा से लाभ ले रहे थे। योजना के अंतर्गत साल में दो-दो हजार रुपये की तीन किस्त किसान के बैंक में भेजी जाती है। इनमें से ज्यादातर अपात्र किसान दो-दो हजार की कई किस्त का लाभ ले चुके हैं, लेकिन अब तक महज 15 किसानों से ही रिकवरी की गई है। वहीं, विभागीय अधिकारी धनराशि जमा करने के लिए लगातार एडवाईजरी जारी कर रहे हैं। बावजूद इसके किसान धनराशि जमा करने को तैयार नहीं हैं। जबकि शासन स्तर विभाग को रिपोर्ट जमा कराने के आदेश दिए गए हैं।
भूमिहीन भी लाभ लेते पाए गए
सत्यापन में भूमिहिन भी योजना का लाभ लेते पाए गए थे। जिले में 204 से ज्यादा लोग ऐसे थे जो सम्मान निधि योजना का सालों से लाभ ले रहे थे। वहीं सरकारी नौकर भी लाभ लेते पाए गए। जबकि सरकारी सेवक और पेंशनधाकर योजना की पात्रता में नहीं आते।
वसूली के लिए घर जाने पर मना कर देते हैं किसान
विभाग के अधिकारी और कर्मचारी धनराशि वसूलने के लिए जब अपात्र किसान के घर जाते हैं तो राशि जमा करने के मना कर देते हैं। वह विभाग के अधिकारियों की गलती बताते हैं। मुरादनगर निवासी किसान सत्येंद्र सिंह का कहना है कि जब अधिकारियों ने पहले ही जांच कर ली थी तो अब उन्हें लाभ से वंचित क्यों रखा जा रहा है। अगर हम पात्र नहीं थे तो पहले ही आवेदन निरस्त कर देना चाहिए था।
सियासी मीयर की रिपोर्ट
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