छत्तीसगढ़ : ईडी के खिलाफ रायपुर कोर्ट में याचिका, गंभीर आरोप..

रायपुर, प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ रायपुर कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। ईडी की विशेष कोर्ट में दायर याचिका में ईडी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस याचिका को रायपुर के कारोबारी निखिल चंद्राकर ने दायर किया है। रायपुर की अदालत में 9 दिसम्बर को पेश ईडी की चार्जशीट में भी निखिल चंद्राकर का भी नाम है।
इससे पहले निखिल चंद्राकर रायपुर के तेलीबांधा थाने में पहले भी लिखित शिकायत दर्ज करायी थी, लेकिन उन शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होते देखकर उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की है। रायपुर के निखिल चंद्राकर ने 16 जनवरी को इससे जुड़ा एक आवेदन पीएमएलए मामलों के विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया है। आरोप लगाया गया है कि ईडी उस पर अफसरों-नेताओं का नाम लेने का दबाव बना रही है। निखिल चंद्राकर की ओर से अधिवक्ता सोएब अल्वी ने यह मामला अदालत के सामने पेश किया है। इस आवेदन में कहा गया है, ईडी के अधिकारियों ने उसे 23 दिसम्बर 2022 को उसे घर से बिना कोई नोटिस दिए उठा लिया। रात भर उससे क्रूरतापूर्ण व्यवहार करते हुए उसे एक लॉकअप में 24 घण्टों से भी अधिक समय तक रखा गया। 24 दिसम्बर को उसकी तबीयत खराब होने के बाद भी एजेंसी के अफसरों-कर्मचारियों ने उसका इलाज नहीं कराया। खाना भी नहीं दिया और न ही छोड़ा गया।24 घण्टों से अधिक समय से होने के बाद में ईडी उसे लेकर अदालत नहीं पहुंची तो उसके पिता ने न्यायालय में एक आवेदन लगाकर अवैध तरीके से हिरासत में रखने की शिकायत की। उसके बाद ईडी के अधिकारियों ने निखिल से जबर्दस्ती उसके पिता को फोन करवाया। उनसे यह कहवाया गया कि अगर वो अपना आवेदन वापस नहीं लेते तो निखिल को भी केस में आरोपित बना दिया जाएगा। निखिल के पिता ने घबराकर अदालत में दिया आवेदन वापस ले लिया।
अपने आवेदन में निखिल ने यह भी बताया है कि ईडी के अधिकारियों ने उसे सौम्या चौरसिया, रानू साहू जैसे अधिकारियों, कई व्यापारियों और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ पैसों की लेनदेन तथा घोटाले के बारे में बयान देने का दबाव बनाया है।
आवेदन में कहा गया है, निखिल को अवैध रूप से अपनी हिरासत में रखे जाने के दौरान ईडी के अधिकारियों ने जबरन टाइपशुदा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिए हैं।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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