यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया..

वाशिंगटन, 17 फरवरी। अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया (यूवीए) और ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने छात्रों की भागीदारी और अपने सभी स्कूलों एवं कार्यक्रमों में अनुसंधान के अवसर को बढ़ाने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। बृहस्पतिवार को जारी मीडिया विज्ञप्ति से यह जानकारी दी गई।
वैश्विक मामलों के लिए यूवीए के उपाध्यक्ष स्टीफन मुल ने कहा, ‘‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जिसकी आबादी अमेरिका, यूरोप और लातिन अमेरिका से भी अधिक है।’’ उन्होंने कहा कि भारत में मेधावी छात्र, शोधार्थी और उद्यमी हैं जो दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों में भागीदार बनना चाहते हैं।
मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार, मुल गोवा में क्यूएस द्वारा आयोजित ‘इंडिया समिट ऑन एजुकेशन फॉर लाइफ’ में बोल रहे थे। मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि यूवीए में ‘इंडिया इनिशिएटिव’ पहल के तहत इस समझौता ज्ञापन से दोनों विश्वविद्यालयों को सहयोगपूर्ण अनुसंधान करने, अध्ययन एवं भागीदारी तथा एक दूसरे के संकायों, छात्रों एवं पूर्व छात्रों को साथ लाने में मदद मिलेगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों विश्वविद्यालों के बीच संबंधों को बढ़ाने के उद्देश्य से यूवीए का एक प्रतिनिधिमंडल 23 फरवरी को हरियाणा में जेजीयू परिसर का दौरा करेगा।
जेजीयू के कुलपति राज कुमार ने कहा, ‘‘यह भागीदारी दोनों विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा और छात्रों के अध्ययन के लिहाज से परिवर्तनकारी संभावनाएं उपलब्ध कराएगी और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा एवं संस्थागत ढांचा को आगे बढ़ाने के दृष्टिकोण से हमारे संकाय सदस्यों को संयुक्त शिक्षा एवं सहयोगपूर्ण अनुसंधान करने में सक्षम बनाएगी।’’
सियासी मियार की रिपोर्ट
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