छोटे आकार की पेट्रोलियम रिफाइनरी लगाने पर कर रहे हैं विचार: हरदीप सिंह पुरी..

नई दिल्ली, 30 मई । पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि देश में 45 करोड़ टन सालाना रिफाइनरी क्षमता हासिल करने के लिये छोटे आकार की पेट्रोलियम रिफाइनरी लगाने पर विचार किया जा रहा है।
उद्योग मंडल इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित ऊर्जा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि छोटी रिफाइनरियों के लिये चीजें आसान होती हैं। इसमें जमीन अधिग्रहण समेत अन्य बाधाएं नहीं होती।
इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की रिफाइनरी लगाने की योजना अटकने के बीच उन्होंने यह बात कही है। तीनों कंपनियों की महाराष्ट्र के रत्नागिरी में छह करोड़ टन सालाना क्षमता की रिफाइनरी लगाने की योजना है, लेकिन वह आगे नहीं बढ़ पा रही है।
फिलहाल देश में रिफाइनिंग क्षमता 25.2 करोड़ टन सालाना है।
पुरी ने कहा, ”बड़े आकार की रिफाइनरी लगाना महंगा सौदा बन गया है। हम प्रतिवर्ष दो करोड़ टन तक सालाना क्षमता वाली रिफाइनरियों पर गौर कर रहे हैं। इतनी क्षमता की रिफाइनरी छोटी होती हैं। अगर हम बड़े आकार की रिफाइनरी लगाने की योजना बनाते हैं, तब जमीन अधिग्रहण और अन्य मसले आएंगे।”
उन्होंने कहा, ”हमें 45 करोड़ टन सालाना क्षमता का लक्ष्य हासिल करने के लिये छोटे आकार की रिफाइनरियों के साथ कुछ और नीतिगत निर्णय लेने की जरूरत है।”
मंत्री ने कहा कि भारत आने वाले समय में ऊर्जा का केंद्र होगा और पर्यावरण अनुकूल दिशा में आगे बढ़ रहा है। हमें ऐसी रिफाइनरियों की जरूरत है, जो पेट्रोरसायन, हरित हाइड्रोजन आदि बनाएं।
जैवईंधन के पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन में मिश्रण के बारे में उन्होंने कहा, ”हर प्रकार के प्रयोग हो रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यह सब प्रयोगशालाओं में हो रहा है। यह सब बाजार में हो रहा है।
पुरी ने एक प्रतिशत जैवईंधन विमान ईंधन में मिलाये जाने का उल्लेख किया। उन्होंने इसके कृषि पर पड़े सकारात्मक प्रभाव को लेकर खुशी जतायी।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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