Sunday , November 23 2025

शोषण…

शोषण…

एक बड़े छायादार
वृहदाकार
पेड़ के समीप खड़ा
दुबला-सा
पतला पतला- सा
सीधा-सा
डरा-सा
या , यों कहें कि;
भूख से जुदा जुदा-सा
दिखने वाला पेड़
कुछ नहीं कहता ?
बहुत कुछ कहता है !
वह कहता है कि
इस बड़े ने
अपने साम्राज्य विस्तार के लिए
छीना है
हमारे हिस्से का आकाश
प्रकाश,
पाताल,
हवा और पानी
मेरी जवानी
फिर भी,
नहीं है मेरे पास
कोई सबूत
इसके खिलाफ?
यह सिद्ध करने के लिए
कि, इसने किया है
मेरा शोषण।

सियासी मियार की रिपोर्ट