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भाजपा की कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना

भाजपा की कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना..

भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ भाजपा ने इंडिया गठबंधन और कांग्रेस के ऊपर भी निशाना साधा है। भाजपा नीतिश बाबू के 1 तीर से कई निशाने साध रही है। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं के बार में दिए गए व्यक्तत्व को भाजपा ने राष्ट्रव्यापी बड़ा मुद्दा बना लिया है। भारतीय जनता पार्टी ने देश भर में इस मामले को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। देश के सभी हिस्सों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान की निंदा और भर्तसना की जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इस मामले में तुरंत माफी भी मांग ली। उन्होंने स्वयं अपनी निंदा भी की। विधानसभा के अंदर भी उन्होंने माफी मांगते हुए इस मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश की। लेकिन भाजपा के तेवर ढीले नहीं हुए। भाजपा इस मामले में नीतिश कुमार को कोई भी कीमत में माफी देने तैयार नहीं है। उल्टे भाजपा ने इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों को भी नीतीश कुमार के बयान पर लपेट लिया। भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को लेकर इस मामले में इतनी उत्तेजित क्यों है? यदि इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो संसद का विशेष सत्र बुलाकर महिलाओं का आरक्षण बिल पास कराया गया था।दोनों सदनों से यह बिल पास हो गया। भारतीय जनता पार्टी को विश्वास था कि 50 फीसदी से अधिक महिलाओं के वोट महिला आरक्षण के कारण भाजपा की झोली में जाएंगे। लेकिन महिला आरक्षण बिल का सभी राजनीतिक दलों का समर्थन किया। विपक्ष द्वारा महिलाओं के आरक्षण में जाति आरक्षण लागू करने की मांग की गई। जिससे भाजपा बचाव की मुद्रा में आ गई। महिला आरक्षण भी परिसीमन के बाद 2029 से लागू होने की बात सरकार द्वारा कही जा रही है। महिला आरक्षण बिल को लेकर जो राजनेतिक लाभ की कल्पना भारतीय जनता पार्टी ने की थी। वह पूरी होती नहीं दिख रही है। महिला आरक्षण में भी जाति आधारित आरक्षण की मांग से भाजपा बेकफुट पर आ गई थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित जनगणना कराकर भारतीय जनता पार्टी पर करारी चोट की थी। विधानसभा सत्र में उन्होंने 75 फ़ीसदी आरक्षण देकर भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। 75 फीसदी आरक्षण नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा था। नीतीश कुमार ने महिलाओं को लेकर सदन के अंदर जो बयान दिया है। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी को संजीवनी बूटी मिल गई है। भाजपा बिहार में जातीय आरक्षण और महिलाओं के मुद्दे पर जो अचेतावस्था में जा चुकी थी। नीतीश के बयान से उसे संजीवनी बूटी मिली है। इसका लाभ लेने का कोई भी मौका भारतीय जनता पार्टी छोड़ना नहीं चाहती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के बारे में बयान देखकर अपने मास्टर स्ट्रोक को खुद ही लफड़े में डाल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भारतीय जनता पार्टी के हर स्तर के नेता, सांसद, विधायक, पार्टी के पदाधिकारी देश भर के सभी प्रदेशों में इस मामले को लेकर महिलाओं के बीच तक जा रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव तक नीतीश कुमार का यह बयान उनके ऊपर भारी पड़ता रहेगा। यह मामला भारतीय जनता पार्टी लंबे समय तक जीवित रखेगी। भारतीय जनता पार्टी ने कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना की तर्ज पर महिलाओं के 50 फीसदी से ज्यादा वोटों पर ध्यान है। भाजपा इस मामले में इंडिया गठबंधन, कांग्रेस और नितीश बाबू पर निशाना साधकर महिलाओं को भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने के लिए भरसक प्रयास करेगी। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव तक इस मुद्दे को जिंदा रखते हुए बिहार में नितीश बाबू के लिए कड़ी चुनौती बनेगी। वहीं लोकसभा चुनाव के लिए सारे देश में इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के लिये भी इसी मुद्दे को 2024 का मुख्य मुद्दा बनाएगी। ताकि महिलाओं का ज्यादा से ज्यादा वोट भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मिल सके। नीतीश कुमार के ब्रह्मास्त्र को जिस तरह से नीतीश कुमार के एक बयान से ही इतना भारी नुकसान हुआ है। इसकी कल्पना नीतीश कुमार और इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने भी नहीं की होगी। एक छोटे से अनावश्यक बयान से नीतीश बाबू का मास्टर स्ट्रोक फुस्सी बम बन गया।

सियासी मियार की रिपोर्ट