न्यायालय ने विधेयकों को मंजूरी देने में विलंब से जुड़ी केरल सरकार की याचिका पर केंद्र और राज्यपाल कार्यालय से जवाब तलब किया…
नई दिल्ली, 20 नवंबर। उच्चतम न्यायालय ने विधेयकों को मंजूरी देने में विलंब करने का आरोप लगाने वाली केरल सरकार की याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के कार्यालय से जवाब तलब किया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों को मंजूरी नहीं दे रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल की दलीलों पर गौर किया जिसमें आठ विधेयकों को मंजूरी देने में राज्यपाल की ओर से देरी किए जाने का आरोप लगाया गया।
शीर्ष अदालत ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को नोटिस जारी करके कहा कि वह या फिर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुनवाई में उसकी सहायता करें। अदालत अब केरल सरकार की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘राज्यपालों को यह एहसास नहीं है कि वे संविधान के अनुच्छेद 168 के तहत विधायिका का हिस्सा हैं।’’
केरल राज्य ने अपनी याचिका में दावा किया कि राज्यपाल खान राज्य विधानसभा द्वारा पारित आठ विधेयकों पर विचार करने में देरी कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि ये विधेयक सात से 21 महीनों से राज्यपाल की मंजूरी के इंतजार में लंबित हैं।
केरल सरकार ने दावा किया कि राज्यपाल विधेयकों पर अपनी मंजूरी रोककर देरी कर रहे हैं और यह ‘लोगों के अधिकारों को निष्प्रभावी’ बनाना है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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