सुर्खियों में बने रहने की नेताओं की लालसा पर राहुल ने कसा तंज..
कन्नूर (केरल), 01 दिसंबर । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली के अपने राजनीतिक विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में नेतृत्व सभी लाउडस्पीकर और कैमरों को अपनी दिशा में मोड़ना पसंद करते हैं, लेकिन वह माइक का मुंह जनता की ओर मोड़ना पसंद करते हैं।
यहां प्रसिद्ध लेखक टी पद्मनाभन को केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) द्वारा पहला प्रियदर्शिनी साहित्य पुरस्कार प्रदान किए जाने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि नेता बड़े मजेदार किस्म के लोग होते हैं, और लाउडस्पीकर हमेशा उनके सामने रहता है।
गांधी ने कहा, ‘यह (लाउडस्पीकर) भीड़ की तरफ नहीं होता क्योंकि हम खुद को बोलते हुए सुनना पसंद करते हैं। हर बार जब मैं वहां जाता हूं, तो मैं लाउडस्पीकर को दूसरी तरफ मोड़ देता हूं। मुझे लगता है, आज के भारत में, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि लाउडस्पीकर का मुंह दूसरी ओर किया जाए। अगर आप दिल्ली में अपने नेतृत्व को देखें, तो सभी लाउडस्पीकर और कैमरे उन्हीं की दिशा में लगे होते हैं।”
उन्होंने कहा कि निस्संदेह, पद्मनाभन जैसे लेखकों और उनके (राहुल गांधी) जैसे राजनीतिक नेताओं के बीच एक बड़ा अंतर है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘नेताओं की तुलना में पद्मनाभन के लिए सच बोलना बहुत आसान है। यह कुछ ऐसा है जो उन्होंने बिना किसी अपवाद के पूरे जीवन किया है।”
वायनाड से सांसद राहुल ने नेताओं से लेखकों की तरह बनने की आकांक्षा रखने का भी आग्रह किया, जो अपने मन में आने वाले हर सच को बोल देते हैं। हालाँकि, गांधी ने स्वीकार किया कि यह बहुत ‘कठिन काम’ है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal