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आरबीआई के मौद्रिक नीति निर्णय पर रहेगी बाजार की नजर…

आरबीआई के मौद्रिक नीति निर्णय पर रहेगी बाजार की नजर…

मुंबई, 03 दिसंबर । विश्व बाजार के मजबूत रुख के बीच स्थानीय स्तर पर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मजबूत आंकड़ों की बदौलत बीते सप्ताह करीब ढाई प्रतिशत की तेजी में रहे घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह रिजर्व बैंक (आरबीआई) की होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा के निर्णय के साथ भारत, अमेरिका और चीन के सेवा पीएमआई आंकड़ों पर नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1511.15 अंक अर्थात 2.3 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 67481.19 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 473.2 अंक यानी 2.4 प्रतिशत उछलकर पहली बार 20267.90 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपिनयों की तरह बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जबरदस्त लिवाली हुई। इससे मिडकैप 976.37 अंक अर्थात 2.9 प्रतिशत की तेजी लेकर सप्ताहांत पर 34586.76 अंक और स्मॉलकैप 758.67 अंक मजबूत होकर पहली बार 40 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर पर के पार 40565.96 अंक हो गया।
विश्लेषकों के अनुसार, महंगाई में कमी आने से यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) के दर वृद्धि चक्र को समाप्त करने की उम्मीद में वैश्विक बाजारों में तेजी का रुख देखा गया। घरेलू बाजार को वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में जीडीपी के मजबूत आंकड़ों और विनिर्माण गतिविधि में उल्लेखनीय उछाल से पर्याप्त बढ़ावा मिला। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार ने अपनी जीवंतता बनाए रखी, जिसे टाटा टेक्नोलॉजी की शानदार लिस्टिंग ने उजागर किया। इससे जोखिम भरी संपत्तियों में निवेशकों का विश्वास बढ़ा।
पिछले सपताह मिडकैप और स्मॉलकैप ने लचीला रुख दिखाया। निवेशक सरकारी खर्च और बढ़ी हुई खपत के बारे में आशावान बने हुए हैं। मुद्रास्फीति में कमी से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद बढ़ी है। ओपेक प्लस के आपूर्ति में कटौती करने के बावजूद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी रही। साथ ही बाजार की तेजी बनाए रखने में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल ने भी सकारात्मक योगदान दिया। इससे मौजूदा केंद्र सरकार के प्रति निवेशकों की भावनाएं मजबूत रही।
बाजार सलाह देने वाली कंपनी जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर कहा कि अगले सप्ताह निवेशकों की नजर अमेरिका, भारत और चीन में जारी होने वाले सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़ों पर रहेगी। साथ ही अगले सप्ताह 06 से 08 दिसंबर को आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक होने वाली है। इसमें नीतिगत दरों को यथावत रखने की संभावना है। इससे विकास परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव हो सकता है।
इसके अलावा नवंबर में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की वापसी बाजार में सकारात्मक गति जारी रहने का संकेत देती है। एफआईआई ने इस वर्ष पिछले लगातार तीन महीने अगस्त, सिंतबर और अक्टूबर में जबरदस्त बिकवाली के बाद नवंबर में 5,795.05 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की है। एफआईआई अगस्त में 20,620.65 करोड़ रुपये, सितंबर में 26,692.16 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 29,056.61 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे।

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