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कच्चातिवु विवाद : स्टालिन ने मछुआरों के लिए भाजपा के ‘अचानक उमड़े प्यार’ पर सवाल उठाया.

कच्चातिवु विवाद : स्टालिन ने मछुआरों के लिए भाजपा के ‘अचानक उमड़े प्यार’ पर सवाल उठाया.

चेन्नई, 01 अप्रैल । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कच्चातिवु मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की आलोचना किए जाने पर सोमवार को पलटवार करते हुए चुनाव से पहले मछुआरों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ”अचानक उमड़े प्यार” पर सवाल उठाया।

उन्होंने तमिलनाडु द्वारा मांगे 37,000 करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज समेत कई मुद्दों को लेकर भी प्रधानमंत्री पर सवाल उठाया।

कच्चातिवु द्वीप 1974 में एक समझौते के तहत भारत ने श्रीलंका को सौंप दिया था।

स्टालिन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए मोदी की आलोचना पर जवाब देते हुए कच्चातिवु मुद्दे को प्रधानमंत्री द्वारा ”ध्यान भटकाने” का हथकंडा बताया।

उन्होंने पूछा, ”तमिलनाडु के लोग उन लोगों से केवल तीन सवाल पूछना चाहते हैं जो 10 साल तक कुंभकर्ण की नींद सोने के बाद चुनावों के लिए मछुआरों के प्रति अचानक प्रेम प्रदर्शित कर रहे हैं। केंद्र सरकार तमिलनाडु द्वारा कर के रूप में दिए एक रुपये में से केवल 29 पैसे ही क्यों लौटाती है?”

स्टालिन ने कहा, ”तमिलनाडु में दो प्राकृतिक आपदाओं (दिसंबर 2023 में चेन्नई और थुथुकोड़ी में बाढ़) के बावजूद बाढ़ राहत के तौर पर राज्य को एक भी पैसा क्यों नहीं दिया गया।”

उन्होंने कहा कि तीसरा, क्या केंद्र में भाजपा शासन के पिछले 10 साल में राज्य के लिए एक भी विशेष योजना लागू की गयी ?

उन्होंने प्रधानमंत्री से जवाब मांगने वाले हैशटैग के साथ पोस्ट किया, ”ध्यान भटकाने के बजाए कृपया इन सवालों का जवाब दें।”

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने कच्चातिवु द्वीप मुद्दे को लेकर द्रमुक पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि भारत द्वारा कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंपे जाने के मुद्दे पर सामने आ रही नई जानकारियों ने द्रमुक के दोहरे मानकों को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है।

उन्होंने एक खबर का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करूणानिधि ने समझौते पर सहमति दी जबकि द्रमुक ने सार्वजनिक तौर पर इसका विरोध किया था।

सियासी मियार की रीपोर्ट