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सांस्कृतिक संध्या नृत्याकृति की शास्त्रीय प्रस्तुतियों ने बांधा समा…

सांस्कृतिक संध्या नृत्याकृति की शास्त्रीय प्रस्तुतियों ने बांधा समा…

उदयपुर, 05 मई । दक्षिण राजस्थान में कला -साहित्य और संस्कृति संरक्षण-संवर्धन को समर्पित कश्ती फाऊंडेशन के तत्वावधान में यहां आयोजित सांस्कृतिक संध्या ‘नृत्याकृति’ में शास्त्रीय प्रस्तुतियों ने समा बांध दिया।
विद्या भवन सभागार में शनिवार शाम को आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या में कश्ती फाउंडेशन प्रमुख श्रद्धा मुर्डिया ने लेकसिटी की कला प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने की आवश्यकता प्रतिपादित की और ‘नृत्याकृति’ को कश्ती का उदात्त प्रयास बताया।
कार्यक्रम में नृत्योर्मी स्कूल के गुरु कृष्णेंदु साहा ने अपनी मनोहारी नृत्य प्रस्तुति से लोगों को आकर्षित किया। कृष्णेन्दु ने भारत के पूर्वी तटीय राज्य ओडिशा के हिंदू मंदिरों से शुरू हुए ओडिसी नृत्य में उत्कृष्ट शारीरिक गतिविधियों, भावों, प्रभावशाली इशारों और सांकेतिक भाषाओं के साथ पौराणिक और धार्मिक कहानियों, भक्ति कविताओं और आध्यात्मिक विचारों का एक उदाहरणात्मक उपाख्यान प्रस्तुत कर सम्मोहित कर दिया। कृष्ण लीलाओं पर आधारित उनकी भावमयी प्रस्तुति के साथ दशावतार पर मौजूद दर्शक देर रात तक करतल ध्वनि करते रहे।
कार्यक्रम में कृष्णेन्दु के निर्देशन में नृत्योर्मी स्कूल ऑफ़ ओडिसी के विद्यार्थियों ने बट्टू नृत्य, कृष्ण-यशोदा संवाद पर आधारित जगदोधारना, शिव तांडव स्त्रोत आदि की प्रस्तुति दी।

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