धर्मगुरु जेम्स लॉसन जूनियर का 95 वर्ष की उम्र में निधन: परिवार…

लॉस एंजिलिस, 11 जून । अहिंसक विरोध प्रदर्शन के पैरोकार और नागरिक अधिकार आंदोलन के दौरान कार्यकर्ताओं को श्वेत अधिकारियों की क्रूरतापूर्ण प्रतिक्रियाओं के सामने डटे रहने की सीख देने वाले सांसद जेम्स लॉसन जूनियर का निधन हो गया। उनके परिवार ने सोमवार को यह जानकारी दी। वह 95 वर्ष के थे।
लॉसन के परिवार ने कहा कि उनका कुछ दिन बीमार रहने के बाद लॉस एंजिलिस में रविवार को निधन हो गया। लॉसन ने पादरी, श्रम आंदोलनकर्ता और विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के रूप में काम करते हुए लॉस एंजिलिस में कई वर्ष बिताए। वह मार्टिन लूथर किंग जूनियर के करीबी सलाहकार रहे थे।
लॉसन की मुलाकात किंग जूनियर से 1957 में हुई थी। इससे पहले वह मोहनदास करमचंद गांधी (महात्मा गांधी) के स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए भारत में तीन साल बिता चुके थे। किंग दो साल बाद खुद भी भारत आए थे लेकिन उस समय उन्होंने गांधी के बारे में सिर्फ किताबों में ही पढ़ा था।
दोनों अश्वेत पादरी उस समय 28 वर्ष की उम्र में महात्मा गांधी के विचारों से बहुत प्रभावित हुए। उस दौरान किंग ने लॉसन से इन विचारों को दक्षिण अमेरिका में प्रभाव में लाने को कहा था। लॉसन का विशेष योगदान बाइबिल की शिक्षाओं से अच्छी तरह परिचित लोगों को गांधीवादी सिद्धांतों से अवगत कराना था। लॉसन ने एक बार ‘एपी’ से कहा था, ‘‘गांधी जी कहते थे कि हम लोगों में हमारे अपने जीवन और आत्माओं में नस्लवाद का विरोध करने की शक्ति है।’’
सियासी मियार की रपोर्ट
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