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भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कनिष्क आतंकवादी हमले की दिलायी याद..

भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कनिष्क आतंकवादी हमले की दिलायी याद..

नई दिल्ली/ओटावा, 19 जून। कनाडा के वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने लोगों को 23 जून 1985 को सिख चरमपंथियों की ओर से एयर इंडिया की उड़ान 182 (कनिष्क) पर किए गए कायरतापूर्ण महले की याद दिलाई, जिसमें 329 लोग मारे गए थे, जबकि कनाडा की संसद ने एक साल पहले खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर एक मिनट का मौन रखा था। भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने इस संबंध में एक्स पर एक पोस्ट भी किया है।
भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया में कहा, “भारत आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने में सबसे आगे है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करता है। आगामी 23 जून को एयर इंडिया की उड़ान 182 (कनिष्क) पर कायरतापूर्ण आतंकवादी बम विस्फोट की 39वीं वर्षगांठ है, जिसमें 86 बच्चों सहित 329 निर्दोष पीड़ितों ने

नागरिक उड्डयन के इतिहास में सबसे जघन्य आतंकवाद से संबंधित हवाई दुर्घटनाओं में से एक में अपनी जान गंवा दी थी”
गौरतलब है कि यह पोस्ट ऐसे समय में आया है, जब कनाडा की संसद ने एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की याद में एक मिनट का मौन रखा था, जिसे एक साल पहले ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मार दी गई थी। खालिस्तानी तत्वों को कनाडा द्वारा सक्रिय समर्थन दिए जाने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में खटास आ गई है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में कनाडा की संसद को बताया था कि सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोप की सक्रियता से जांच कर रही हैं। भारत ने दावों को खारिज करते हुए आरोपों को बेतुका करार दिया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि कनाडा पंजाब से संगठित अपराध से जुड़े कई गिरोहों का स्वागत कर रहा है और उन्हें वीजा देने के खिलाफ भारत की चेतावनियों को नजरअंदाज कर रहा है। उन्होंने कहा कि अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या एक ऐसा मुद्दा है जिसकी कनाडा को चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन अलगाववादी तत्वों ने इन देशों की राजनीति में अपने लिए जगह बनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, “इस समय हमारी सबसे बड़ी समस्या कनाडा में है। क्योंकि कनाडा में वास्तव में वहां की सत्तारूढ़ और अनय पार्टियों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह के उग्रवाद, अलगाववाद और हिंसा के समर्थकों को एक निश्चित वैधता दी है।”
उल्लेखनीय है कि निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा ने चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है और उन पर हत्या का आरोप लगाया है।

सियासी मियार की रैपोर्ट