कोलकाता में यातायात कांस्टेबल ने एक व्यक्ति को भीड़ द्वारा पिटने से बचाया..

कोलकाता, 03 जुलाई । पश्चिम बंगाल में संदिग्ध मोबाइल चोरों की भीड़ द्वारा पिटायी किए जाने की बढ़ती घटनाओं के बीच कोलकाता यातायात पुलिस के एक कर्मी ने एक व्यक्ति को उन लोगों के समूह से पिटने से बचाया जिन्हें गलतफहमी हो गयी थी कि वह फोन चोर है।
एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि पीड़ित को मंगलवार शाम को ‘एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल’ के समीप बेल्ट और जूतों से पीटा जा रहा था तभी यातायात कांस्टेबल स्वपन मजूमदार ने बीच-बचाव किया।
मूचिपाड़ा पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया, ”मजूमदार को भी धक्का दिया गया लेकिन वे डटे रहे और अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया। पुलिसकर्मियों का एक दल दोनों को बचाने के लिए घटनास्थल पर पहुंचा।”
उन्होंने बताया कि भीड़ ने पीड़ित व्यक्ति को गलती से मोबाइल झपटमार समझ लिया था और उसे पीटना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा, ”मजूमदार पास में ही ड्यूटी पर तैनात थे और वे पीड़ित को बचाने के लिए आए। हमें त्वरित की गयी कार्रवाई के लिए उनका शुक्रगुजार होना चाहिए जिससे इस व्यक्ति की जान बच गयी।”
पीड़ित इरशाद आलम (37) चांदनी चौक इलाके में एक इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकान पर मेकैनिक के तौर पर काम करता है। इससे पहले, 29 जून को मोबाइल फोन चोरी के आरोप में सॉल्ट लेक इलाके में एक व्यक्ति की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी। मृतक की पहचान प्रसेन मंडल के रूप में की गयी है।
सियासी मीयार की रीपोर्ट
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