भूमि सुधारों पर राज्यों के साथ विचार-विमर्श करेगी सरकार: वित्त मंत्री…

नई दिल्ली, 23 जुलाई । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार भूमि सुधारों पर राज्यों के साथ विचार-विमर्श करेगी।
वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि देश में शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को डिजिटल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजनाओं के लिए त्वरित सिंचाई कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के तहत सहायता प्रदान करेगी।
इसके अतिरिक्त केंद्र प्राकृतिक आपदा प्रभावित राज्यों – हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश को जल, बिजली, रेलवे और सड़क जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने को धनराशि मिलेगी।
चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान: सीतारमण
नई दिल्ली, 23 जुलाई (वेब वार्ता)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत तक पहुंचाना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में सकल तथा शुद्ध बाजार उधार क्रमशः 14.01 लाख करोड़ रुपये और 11.63 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2024-25 में शुद्ध कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ रुपये आंकी गई हैं।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में कुल व्यय 48.21 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
गौरतलब है कि फरवरी 2024 में प्रस्तुत अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा (सरकारी व्यय और आय के बीच का अंतर) वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 5.1 प्रतिशत आंका गया था, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह 5.8 प्रतिशत था।
सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि सरकार माता-पिता और अभिभावकों द्वारा पेंशन योगदान प्रदान करने के लिए ‘एनपीएस वात्सल्य’ शुरू करने की योजना बना रही है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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