स्वर्ण उद्योग की मांग ‘एक राष्ट्र, एक दर’, पूर्वी भारत से होगी शुरुआत…

कोलकाता, 26 जुलाई । स्वर्ण आभूषण उद्योग ‘एक राष्ट्र, एक दर’ नीति की वकालत कर रहा है, जिसकी शुरुआत अगस्त से पूर्वी भारत के लिए समान दर लागू करने के साथ की जाएगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
स्वर्ण शिल्प बचाओ समिति के अध्यक्ष समर कुमार डे ने कहा कि सभी हितधारकों ने देश भर में एक समान सोने की दर के विचार में रुचि दिखाई है। डे ने कहा, ‘‘हम अगस्त से बंगाल और पूर्वी भारत के लिए एकल दर की शुरुआत करेंगे। इस पहल में हमने सर्राफा विक्रेताओं को भी शामिल कर लिया है।’’
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा, ‘‘इसका मकसद सभी हितधारकों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना और मूल्यह्रास को रोकना है।’’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में सोने और चांदी पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था।
उद्योग जगत के लोगों ने कहा कि शुल्क में भारी कटौती से अवैध आयात को खत्म करने में मदद मिलेगी।
हीरा आयातक सनी ढोलकिया ने कहा, ‘‘कुल 950 टन आयात में से 100 टन सोने की तस्करी किए जाने का अनुमान है।’’
हालांकि, उद्योग सूत्रों ने बताया कि इस बात को लेकर चिंता है कि क्या सरकार के पास सोने से संबंधित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के संबंध में कोई अन्य योजना है।
जीजेसी ने जीएसटी परिषद से आभूषणों पर कर की दर मौजूदा तीन प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत करने की अपील की है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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