कविता : युवाओं के प्रयास
-दिव्या धपोला-
हम आज के युवा हैं हम,
हमें ही कुछ करना होगा,
मिलजुल कर आगे बढ़ना होगा,
खेल के नये अवसर खोजने होंगे,
तभी तो तो आगे बढ़ पायेंगे,
आयेगी बहुत सी रुकावटें,
पर हमें रुकना नहीं होगा,
एक दूसरे के साथ आगे बढ़ना होगा,
समय का सही प्रयोग करना होगा,
नहीं लड़ना है अब किसी से,
बस आगे को बढ़ना है हमें,
क्यों खो जाते है गांव और जंगलों में?
क्यों बाहर नहीं निकल पाते हैं?
क्यों दुनिया नहीं देख पाते हैं?
क्यों यहीं तक रह जाते हैं?
अब आगे बढ़ते रहना होगा,
संसार में स्थान बनाना होगा,
हम आज के युवा हैं हम,
हमें ही कुछ करना होगा।।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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