गुजरात में अमित चावड़ा बने प्रदेश अध्यक्ष, पहले भी संभाल चुके हैं जिम्मेदारी…
-उपचुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद शक्ति सिंह ने दे दिया था इस्तीफा

नई दिल्ली, 20 जुलाई। गुजरात कांग्रेस ने अमित चावड़ा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। उन्होंने शक्ति सिंह गोहिल की जगह गुजरात कांग्रेस की कमान संभाली है। अमित चावड़ा पहले भी गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह साल 2018 से 2021 तक गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे। 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद अमित चावड़ा को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था। तब पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और वह केवल 17 सीटों पर सिमट गई थी।
बता दें शक्ति सिंह गोहिल ने गुजरात की दो विधानसभा सीटों विसावदर और कडी के लिए हुए उपचुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। शक्ति सिंह गोहिल ने खुद को कांग्रेस का अनुशासित सिपाही बताते हुए कहा था कि पार्टी को हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की और कड़ी मेहनत की। उन्होंने दोनों सीटों पर कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत तमाम बड़े नेता ओबीसी पॉलिटिक्स पर नजर आ रहे हैं। संसद से सड़क तक जातिगत जनगणना की मांग हो या सरकार की ओर से जातिगत जनगणना कराने का ऐलान किए जाने के बाद क्रेडिट वॉर, कांग्रेस की कोशिश फ्रंट पर नजर आ रही है। गुजरात में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में खुद राहुल गांधी ने ओबीसी समुदाय को जोड़ने की जरूरत पर बल दिया था। अमित चावड़ा ओबीसी समुदाय से आते हैं और ओबीसी फोकस्ड पॉलिटिक्स के सांचे में फिट बैठता है।
गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव (2022) में आम आदमी पार्टी को 13 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे और कांग्रेस का वोट शेयर 2017 के 42.2 फीसदी से गिरकर 27.7 फीसदी पर आ गया था। आम आदमी पार्टी ने गुजरात में पार्टी की कमान इशुदान गढ़वी को सौंपी है। इशुदान गढ़वी ओबीसी वर्ग से ही आते हैं। कांग्रेस के इस दांव के पीछे रणनीति आम आदमी पार्टी के ओबीसी प्रदेश अध्यक्ष वाले कार्ड को काउंटर करने की भी हो सकती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी खुले तौर पर कह चुके हैं कि पार्टी में कई ऐसे नेता है, जो कांग्रेस में रहकर सत्ताधारी दल के लिए काम करते हैं। खुद राहुल गांधी भी ऐसे नेताओं की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कह चुके हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। कुछ तो ऐन चुनाव के वक्त पार्टी छोड़कर चले गए थे। अविश्वास के दौर से गुजर रही गुजरात कांग्रेस में अमित चावड़ा एक विश्वसनीय नेता हैं। पांच बार के विधायक अमित चावड़ा की इमेज कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता की रही है।
अमित चावड़ा कांग्रेसी परिवार से नाता रखते हैं। उनके दादा ईश्वर सिंह चावड़ा आणंद सीट से कई बार सांसद रहे। केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके अमित चावड़ा कांग्रेस कैडर के नेता हैं। उन्होंने अपने सियासी सफर का आगाज छात्र जीवन में कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेट्स यूनियन ऑफ इंडिया यानी एनएसयूआई से की थी। चावड़ा को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अपने कार्यकर्ताओं को यह संदेश भी दे दिया है कि आयातित नेताओं पर कैडर को तरजीह दी जाएगी।
बता दें अमित चावड़ा गुजरात के ऐसे चुनिंदा नेताओं में गिने जाते हैं, जिनकी स्वीकार्यता पैन गुजरात है। साफ-सुथरी छवि के अमित चावड़ा 2018 से 2021 तक गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और संगठन के भीतर भी लोकप्रिय चेहरा है। मध्य गुजरात, खासकर आणंद और आसपास के इलाकों में मजबूत प्रभाव रखते हैं।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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