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केरल सरकार ने केआईआईबी के फंड को बजट से बाहर कर एससी-एसटी को दिया धोखा: जोसेफ

केरल सरकार ने केआईआईबी के फंड को बजट से बाहर कर एससी-एसटी को दिया धोखा: जोसेफ

केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) के अध्यक्ष एवं विधायक सनी जोसेफ ने कहा है कि राज्य सरकार ने केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (केआईआईएफबी) के आवंटन को सरकार के बजट से बाहर करके अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के साथ धोखा देने का काम किया है। इसके जरिये उन्हें उनके कानूनी रूप से अनिवार्य हिस्से से वंचित किया जा रहा है।

श्री जोसेफ ने कहा कि प्रमुख विकास परियोजनाओं को वार्षिक सरकारी बजट में शामिल करने के बजाय सीधे केआईआईएफबी के माध्यम से क्रियान्वित करके सरकार ने अनुसूचित समुदायों को सभी योजना आवंटनों से कानूनी रूप से मिलने वाले 12 प्रतिशत हिस्से से वंचित कर दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया, “जब सभी परियोजना निधि सरकार के बजट के माध्यम से भेजी जाती हैं, तो अनुसूचित समुदायों को कुल आवंटन का 12 प्रतिशत स्वतः ही प्राप्त हो जाता है, लेकिन बड़ी रकम को सीधे केआईआईएफबी परियोजनाओं में डालकर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यह हिस्सा खत्म हो जाए।”

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने बताया कि वर्तमान वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के सत्ता संभालने के बाद से केआईआईएफबी के माध्यम से 60,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं, फिर भी अनुसूचित समुदायों के कल्याण के लिए 100 करोड़ रुपये से भी कम का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा, “मानदंडों के अनुसार, उन्हें लगभग 7,000 करोड़ रुपये मिलने चाहिए थे।” उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए अनुसूचित समुदाय के बजट से 612 करोड़ रुपये की कटौती की है। इसके अलावा, 2025 के लिए स्वीकृत धनराशि में से 158 करोड़ रुपये अभी तक जारी नहीं किए गए हैं, जिससे कई कल्याणकारी और शैक्षिक कार्यक्रम स्थगित और विलंबित हो गए हैं। उन्होंने कहा, “सबसे ज्यादा प्रभावित विद्यार्थी हुए हैं, जिनकी छात्रवृत्ति और शैक्षिक सहायता योजनाओं में देरी हो रही है या उन्हें रद्द कर दिया गया है।”

राज्य सरकार पर “दलित विरोधी नीति” अपनाने का आरोप लगाते हुए श्री जोसेफ ने कहा कि एलडीएफ जानबूझकर अनुसूचित समुदायों की प्रगति को रोक रहा है और व्यवस्थित रूप से उनके विकास को कमजोर कर रहा है।

सियासी मियार की रिपोर्ट